अल्मोड़ाः आर्थिक संकट में प्राइवेट स्कूल, कुछ करो सरकार

अल्मोड़ा। पब्लिक स्कूूल एजूकेशन एवं वेलफेयर सोसायटी अल्मोड़ा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि छोटे व मझोले विद्यालयों को आर्थिक संकट से उबारने…

अल्मोड़ा। पब्लिक स्कूूल एजूकेशन एवं वेलफेयर सोसायटी अल्मोड़ा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि छोटे व मझोले विद्यालयों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए एमएसएमई की श्रेणी में लाया जाए। ताकि भारत सरकार द्वारा दी जा रही मदद का लाभ इन विद्यालयों को भी मिल सके।
सोसायटी के अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुरूरानी व सचिव भावना मल्होत्रा ने संयुक्त रूप् से प्रदेश के शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में अवगत कराया है कि कोरोना महामारी के चलते हुए लाॅकडाउन के कारण प्राइवेट स्कूलों पर आर्थिक संकट के बादल छा गए हैं। इसका सीधा असर इन विद्यालयों के शिक्षक व कर्मचारियों पर पड़ा है। वहीं प्राइवेट स्कूलों के बारे में सोशल मीडिया में भ्रामक बातें की जा रही हैं। इस समस्या का समाधान करने की मांग की गई है। उन्होंने इस कठिन दौर में सभी मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों को श्रेणीबद्ध किया जाए, इसके बाद उनके संबंध में कोई नीति तैयार हो। यह भी कहा है कि कई विद्यालय प्राइवेट भवनों में किराये पर चलते हैं, लेकिन आर्थिक संकट के दौर में कुछ मकान मालिक किराये के लिए दबाव बना रहे हैं। इसका निदान कर स्पष्ट निर्देश देने की गुहार लगाई है। यह भी कहा है कि अभिभावकों के लिए फीस देने की बाध्यता नहीं है। इस कारण विद्यालय तंगी में है, मगर दूसरी तरफ स्कूल में पानी, भवन कर, बिजली व शिक्षकों के वेतन का खर्चा वहन करने में प्रबंध तंत्र हताशा में है। इस समस्या का उचित समाधान निकालने की गुहार लगाई है।

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