रामनगर न्यूज़ : कृषि एवं श्रम संबंधी विधेयकों को लेकर राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

रामनगर। किसान एवं मजदूर विरोधी कृषि एवं श्रम संबंधी विधेयकों को वापस लेने की मांग को लेकर सामाजिक राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने तहसील…

रामनगर। किसान एवं मजदूर विरोधी कृषि एवं श्रम संबंधी विधेयकों को वापस लेने की मांग को लेकर सामाजिक राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने तहसील परिसर में धरना दिया तथा अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी विजय नाथ शुक्ल के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को भेजा। तहसील परिसर में यूकेडी डेमोक्रेटिक के पीसी जोशी की अध्यक्षता में धरना स्थल पर हुई सभा में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी ने केंद्र सरकार के द्वारा पारित कृषि एवं श्रम संबंधी विधेयकों को किसान एवं मजदूर विरोधी बताया तथा आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने कॉर्पोरेट एवं देसी विदेशी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए संबंधित किसान एवं मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों को बिना विश्वास में लिए,

राज्यसभा में बिना चर्चा करें एवं डिवीजन के असंवैधानिक तरीके से पारित करवा दिया है। समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार ने कहा कि इन विधेयकों पर राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर करने के बाद ये विधेयक कानून की शक्ल ले लेंगे जिसके बाद किसान एवं मजदूरों के हितों को भारी नुकसान होने के साथ वे हमेसा के लिए बंधुआ बन कर रह जाएंगे। किसान मजदूर संघर्ष समिति के ललित उप्रेती ने कहा कि कृषि क्षेत्र में पारित कराए गए इन विधेयकों से सरकार किसानों को पूरी तरह बाजार के हवाले कर रही है, न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं कृषि मंडिया आगे जाकर खत्म हो जाएंगी जिससे कंपनियां किसानों की मजबूरी का फायदा उठा कर उनके उपज एवम उत्पादों को मनमाने मूल्य में खरीद लेगा।

यूकेडी के इंद्र सिंह मनराल ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में खाद्यान्न सहित अन्य वस्तुओं के भंडारण पर लगी रोक को खत्म किये जाने से कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की शीला शर्मा ने कहा किसरकार द्वारा पारित किये गए श्रम संबंधी विधेयकों में कंपनियों एवं मिल मालिकों को इस बात का अधिकार दे दिया गया है कि वे 300 मिल मजदूर की कंपनी को बिना सरकार की अनुमति केकभी भी बंद कर सकते हैं तथा बिना नोटिस दिए मजदूरों को नौकरी से हटा सकते हैं। राजनीतिक सामाजिक संगठनों के द्वारा राष्ट्रपति को भेजें ज्ञापन में मांग की गई है कि सरकार द्वारा राज्यसभा से बिना चर्चा, बिना डिवीजन से पारित किसान एवं मजदूर विरोधी कृषि एवं श्रम संबंधी विधेयकों पर हस्ताक्षर न कर उन्हें वापस सरकार को पुनर्विचार हेतु भेजने, किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य किसान की उपज पर आयी लागत के हिसाब से निर्धारित करते हुए कानून बनाया तथा उससे कम मूल्य पर खरीदने पर सजा का प्रावधान हो।

धरना प्रदर्शन करने वालों में मनमोहन अग्रवाल, मनिंदर सिंह सेठी, कपिल शर्मा, रवि, लालमणि, किरण आर्य, सुनील परनरवाल, मोहन सिंह सजवान, तुलसी छिमबाल, एम आर टम्टा, जीएस बिष्ट, रईस अहमद, इंद्र सिंह मनराल, ललित उप्रेती, शीला शर्मा, मनीष कुमार, प्रभात ध्यानी व पीसी जोशी आदि उपस्थिति थे।

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