विधायक मेहरा ने मोहित की जान बचाने वाले चिकित्सकों को किया सम्मानित

📌 सेलेब्रिटी बना पिकप चालक मोहित कुमार, तमाम दे रहे शुभकामनाएं पनुवानौला/अल्मोड़ा। गंभीर घायल मोहित कुमार की जान बचाने वाले चिकित्सकों के प्रयासों की विधायक…

विधायक मेहरा ने मोहित की जान बचाने वाले चिकित्सकों को किया सम्मानित

📌 सेलेब्रिटी बना पिकप चालक मोहित कुमार, तमाम दे रहे शुभकामनाएं

पनुवानौला/अल्मोड़ा। गंभीर घायल मोहित कुमार की जान बचाने वाले चिकित्सकों के प्रयासों की विधायक मोहन सिंह मेहरा (MLA Mohan Singh Mehra) ने भरपूर सरहना की है। उन्होंने बकायदा एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) जाकर चिकित्सकों की टीम को पुष्प गुच्छ प्रदान किये। इन चिकित्सकों ने सफल सर्जरी करते हुए मोहित के शरीर में आर-पार हुई सरिया को बाहर निकाल उसकी जान बचा ली है।

उल्लेखनीय है कि मोहित कुमार पुत्र किशन राम निवासी ग्राम उड्यूडा, जिला अल्मोड़ा का पिकप वाहन गत 11 मई 2023 को सुयालबाड़ी के पास दुर्घटनागस्त हो गया था। वह पिकप सहित सीधा नीचे ​निर्माणाधीन पुल पर गिर गया था। हादसे की खबर सीएनई में सर्वप्रथम प्रकाशित होने के बाद तमाम जनप्रतिनधियों ने भी मामले का संज्ञान लिया था।

जिसके बाद उसके कमर से 05 सूद का सरिया होते हुए सीने के पार हो गया था। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) द्वारा तत्काल इलाज हेतु मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 01 लाख की आर्थिक सहायता दी गयी। वहीं जागेश्वर के विधायक मोहन सिंह महरा ने ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में जाकर घायल की सुध ली।

विधायक मोहन सिंह मेहरा ने प्रो मीनू सिंह, डॉ. मधुकर उनियाल, डॉ. संजीव मित्तल, डॉ. कमर आजम एवं उनकी समस्त टीम को शॉल एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। चिकित्सकों ने बताया कि मोहित अब खतरे से बाहर है। इस दौरान अल्मोड़ा भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा, ललित दोसाद, संजय डालाकोटी, वीरेंद्र आर्या, पूरन भंडारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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जिंदगी और मौत से जूझते मोहित की जान बचाने का पूरा श्रेय हालांकि योग्य चिकित्सकों को जाता है। बावजूद इसके यह बात भी सच है कि मोहित ने अगर हिम्मत से काम नहीं लिया होता तो शायद वह बच नहीं पाता। जब 05 सूद लोहे का सरिया उसकी छाती चीरता आर-पार हुआ तब भी मोहित कतई विचलित नहीं हुआ था। बकायदा वह कुछ लोगों के सहारे से अपने पैरों पर चलता हुआ एंबुलेंस तक पहुंचा। उसके चेहरे पर कोई खास शिकन भी नहीं देखी गई। जहां चिकित्सकों को भी लग रहा था कि शायद मोहित कुमार नहीं बच पाए, लेकिन महज 18 साल के इस लड़के की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी। इसने कतई सब्र नहीं खोया। आज तमाम चिकित्सक उसके साथ फोटो खिंचा रहे हैं। नेतागण व आम जनता उसे बधाई दे रही है।

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