नई उम्मीदें : मोदी सरकार ने दी कर्मयोगी योजना को मंजूरी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। बुधवार को केंद्रीय मंत्री…


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया, मोदी सरकार ने कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी है और जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल भी पास किया गया है। कर्मयोगी योजना के भर्ती के बाद सिविल सेवकों के स्किल्स को बढ़ाया जाएगा। सरकार के मुताबिक, कर्मयोगी योजना के तहत सिविल सेवकों को नई तकनीक, उनकी क्षमता पर ध्यान देने की कोशिश की जाएगी। सिविल सेवकों का व्यक्तिगत से लेकर संस्थागत तौर पर विकास किया जाएगा।

मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य भारतीय सिविल सेवकों को भविष्य के लिए और अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य के लिए तैयार करना है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी. चंद्रमौली ने कहा, एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और इनोवेटिव, सक्रिय और विनम्र, प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम, रचनात्मक और सृजनात्मक होना चाहिए। मिशन कर्मयोगी सिविल सेवक की न केवल व्यक्तिगत कैपेसिटी बिल्डिंग पर फोकस करेगा बल्कि इंस्टिट्युशनल कैपेसिटी बिल्डिंग और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक 2020 लाने का फैसला लिया गया है। इसमें उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिन्दी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषा रहेंगी। जम्मू और कश्मीर में डोगरी, हिंदी और कश्मीरी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करने की लंबे समय से मांग की जा रही थी। साथ ही इस फैसले में 5 अगस्त, 2019 के बाद समानता की भावना को भी ध्यान में रखा गया है। केंद्रीय मंत्री ने ये भी बताया कि, तीन महत्वपूर्ण समझौते भी हुए हैं। पहला जापान के साथ वस्त्र मंत्रालय का, खनन मंत्रालय का फिनलैंड के साथ और नवीन ऊर्जा मंत्रालय का डेनमार्क के साथ।

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