मोहब्बत बाँटना सीखो : हनुमान जयंती जुलूस पर मुसलमानों ने बरसाए फूल, लगाया गले

सीएनई रिपोर्ट देश में जहां रामनवमी व हनुमान जयंती पर निकले जुलूसों पर पत्थरबाजी और जबरदस्त​ हिंसा की खबरें आ रही हैं और यूपी व…

सीएनई रिपोर्ट

देश में जहां रामनवमी व हनुमान जयंती पर निकले जुलूसों पर पत्थरबाजी और जबरदस्त​ हिंसा की खबरें आ रही हैं और यूपी व उत्तराखंड में संभावित दंगों की आशंका में अलर्ट घोषित कर दिया गया है, वहीं भोपाल से एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है। यहां हनुमान जयंती पर निकले जुलूस में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फूलों की वर्षा की। हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक—दूसरे के गले लगाया और कौमी एकता की बड़ी मिसाल पेश कर दी।

हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच दरार पैदा करने वाले चंद लोगों ने जहां पूरे देश में माहौल खराब कर दिया है। जगह—जगह भड़कावे में आकर जहां हिंदू धार्मिक जुलूसों पर पत्थरबाजी हो रही है। वहीं मध्य प्रदेश के भोपाल में एक ऐसी चीज़ हुई है, जिसने पूरे देश को यह पैगाम दे दिया है कि चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियां हों यह देश पूरे विश्व को मोहब्बत का पैगाम देगा।

एएनआई में प्रसारित ख़बर के अनुार शनिवार को हनुमान जयंती पर भोपाल शहर के कई इलाकों में जुलूस निकाले गए, जिसमें बड़ी तादात में हिंदू समुदाय के लोगों ने भगवे ध्वज के साथ नाचते—गाते शिरकत की। यह जुलूस जब मुस्लिम बाहुल्य इलाके में पहुंचा तो तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग पत्थर नहीं, फूल लेकर पहुंचे और लगातार जुलूस पर फूलों की बारिश की। हिंदू—मुसलमानों ने यहां एक—दूसरे को गले लगाया और कौमी एकता की कसम खाई।

इस खूबसूरत घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक सड़क पर जुलूस के दौरान काफी संख्या में लोग झंडे लिए हैं। इसी बीच कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस जुलूस में आए और उन्होंने भीड़ पर फूल बरसाने शुरू कर दिए।

ज्ञात रहे ​कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में इन दिनों हिंदू जुलूसों पर पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद दंगे के हालात बने हैं। जिससे राज्यों में सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है। इन हालातों में भोपाल से आई यह ख़बर एक बड़ा पैगाम है उन लोगों के लिए जो देश की अखंडता और एकता पर किसी न किसी बहाने प्रहार करने की कोशिश करते हैं। जुलूस में फूल बरसाने वाले लोगों ने कहा कि वह अपनी कौम से अपील करते हैं कि जहां भी हिंदू धार्मिक जुलूस निकले वहां आप पत्थर नहीं, फूल बरसायें। फिर देखिऐ कैसे देश के हालात बदल जाते हैं।

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