- प्रदेश के तमाम सरकारी स्कूलों में लागू होगा सीबीएसई पैटर्न
- अंग्रेजी माध्यम हो जायेंगे विद्यालय
- प्राइवेट स्कूलों का करेंगे मुकाबला
- निजि की बजाए सरकारी स्कूलों में बढ़ेगी छात्र संख्या
सीएनई रिपोर्टर, देहरादून
अंग्रेजी माध्यम से चलने वाले निजि स्कूलों का मुकाबला करने के लिए और सरकारी विद्यालयों में एडमिशन रेट बढ़ाये जाने पर प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जल्द ही एक नई योजना पर कार्य शुरू हो जायेगा। जिसके तहत अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे हिंदी की बजाए अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करेंगे।
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उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की तनख्वाह और निजि स्कूलों में शिक्षण कार्य करने वालों के बीच चाहे जमीन—आसमान का अंतर है, इसके बावजूद प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन कराने का ऐसा क्रेज है कि सरकारी स्कूल बंदी की कगार पर आ चुके हैं। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए अब प्रदेश सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। ज्ञात रहे कि उत्तराखंड प्रदेश में 189 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को संचालित करने के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं।
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प्लानिंग यह है कि अब सरकारी स्कूलों में बेहतर व्यवस्था लागू की जायेगी। अगले सत्र से काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। पूरी तैयारी हो चुकी है, बस शासनादेश जारी होने का इंतजार रह गया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस मामले की महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना के इच्छुक हैं, यही कारण है कि निजी विद्यालयों में लगातार छात्र संख्या बढ़ रही है और सरकारी विद्यालयों में कम हो रही है। अंग्रेजी का क्रेज ही अभिभावकों को सरकारी स्कूलों के प्रति आकर्षित कर रहा है। News WhatsApp Group Join Click Now
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यही कारण है कि अब सभी सरकारी विद्यालयों को CBSE Pattern पर संचालित करने की योजना है। यदि अटल उत्कृष्ट विद्यालय में बेहतर परिणाम आते हैं तो राज्य के प्रत्येक विद्यालय में इस प्रारूप को लिया जाएगा। अलबत्ता कहा जा सकता है कि सरकार की यह पहल बहुत अच्छी है, लेकिन जरूरत प्राइमरी स्तर पर ही अंग्रेजी माध्यम से विद्यालय संचालित करने की है। छोटे बच्चों का अंग्रेजी भाषा के प्रति बेस छोटी कक्षाओं से ही तैयार करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए सरकारी स्कूलों में english conservation classes चलाये जाने पर भी विचार करना चाहिए।
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