Almora: पुरानी समस्याएं हल नहीं हुई, अब पदों में घाटे की चिंता में डूबे फार्मासिस्ट

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन अल्मोड़ा ने उठाई मानकों में छूट की मांग जिलाध्यक्ष ने सीएमओ के माध्यम से शासन को भेजा ज्ञापन सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाजहां एक…

  • डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन अल्मोड़ा ने उठाई मानकों में छूट की मांग
  • जिलाध्यक्ष ने सीएमओ के माध्यम से शासन को भेजा ज्ञापन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जहां एक ओर प्रदेश के डिप्लोमा फार्मासिस्ट अपनी विभिन्न समस्याओं के हल होने की बाट जोह रहे हैं, वहीं अब आईपीएचएस (Indian Public Health Standard) के लागू होने से उन्हें एक नई चिंता सताने लगी है। इस व्यवस्था में फार्मासिस्टों के पदों में घाटा होने का अंदेशा है, जबकि पहले से ही कार्यरत फार्मासिस्टों पर कार्यबोझ हैं। अगर पद कम हुए तो उनकी समस्या बढ़ जाएंगी। इसी सिलसिले में गत शनिवार को डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन अल्मोड़ा के जिलाध्यक्ष डीके जोशी सीएमओ से मिले और उन्हें यह दुखड़ा सुनाते हुए उनके माध्यम से शासन को पद कटौती नहीं करने की मांग का ज्ञापन भेजा।

दरअसल, आईपीएचएस व्यवस्था लागू होने से फार्मासिस्ट संवर्ग में पदों का घाटा होने का अंदेशा उभर आया है और यदि ऐसा हुआ, तो फार्मासिस्टों के सामने कई दिक्कतें पैदा हो जाएंगी। उल्लेखनीय है कि डिस्पेंसिंग स्टोर, दवाओं का अस्पतालों तक पहुंचाना, अस्पतालों में दवा स्टोर संभालना, दवा वितरण व इंजेक्शन लगाना आदि विविध कार्य फार्मासिस्टों के जिम्मे हैं। इसके अलावा वीवीआईपी ड्यूटी, पोस्टमार्टम ड्यूटी, खेलकूद प्रतियोगिताओं, आपदाओं, टीकाकरण व राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जुड़े कार्य भी फार्मासिस्टों को करने होते हैं। चारधाम यात्रा व कैलाश मानसरोवर यात्रा ड्यूटियां भी लगती हैं। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्र के ग्रामीण अस्पतालों में काफी हद तक स्वास्थ्य सेवाओं फार्मासिस्टों पर निर्भर है। फार्मासिस्टों की चिंता ये है कि पहले से ही कार्यबोझ के सापेक्ष फार्मासिस्ट अपर्याप्त हैं और ऐसे में अगर पदों की कटौती हुई, तो कार्यबोझ व समस्या काफी बढ़ जाएगी।

इसी चिंता को लेकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अल्मोड़ा जिलाध्यक्ष डीके जोशी ने सीएमओ डा. आरसी पंत से मुलाकात की और उन्हें उक्त दुखड़ा सुनाया और उनके माध्यम से शासन को ज्ञापन भेजा। जिसमें कहा गया है कि राज्य की भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए आईपीएचएस के मानकों में छूट प्रदान की जाए और फार्मासिस्टों के पदों में कटौती नहीं की जाए।

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