बिग ब्रेकिंग : ज्योलीकोट पुल पर कई घंटों से जाम में फंसे हैं यात्री ! भारी फजीहत

सीएनई रिपोर्टर, नैनीताल कुमाऊं की लाइफलाइन कहा जाने वाला हल्द्वानी-भीमताल मोटर मार्ग आज 18 नवंबर से 27 नवंबर तक पूरी तरह से बंद किये जाने…

सीएनई रिपोर्टर, नैनीताल

कुमाऊं की लाइफलाइन कहा जाने वाला हल्द्वानी-भीमताल मोटर मार्ग आज 18 नवंबर से 27 नवंबर तक पूरी तरह से बंद किये जाने के बाद जहां वैकल्पिक मार्ग ज्योलीकोट व भवाली होते हुए निर्धारित किया गया है, वहीं ज्योलिकोट पुल के पास सैकड़ों की संख्या में यात्री वाहन फंसे हुए हैं, लेकिन उनकी सुध लेने को कोई तैयार नहीं है। जाम में फंसे यात्रियों ने मीडिया कार्यालयों में फोन कर मदद की गुहार लगाई है।

उल्लेखनीय है कि गत दिवस जिलाधिकारी धीराज गबर्याल ने लोनिवि को आदेश जारी किये थे कि 18 नवंबर से 27 नवंबर यानि 10 दिनों के लिए मार्ग पूरी तरह वाहनों के आवागमन के लिए बंद रखा जाएगा। निर्देश में का गया था कि यातायात संचालित होते समय मार्ग में पुलिस अतिरक्ति अस्थाई खंड भवाली के अधिकारी व कर्मचारियों को भी मौके पर तैनात रखें। रानीबाग, भवाली व खुटानी में मार्ग दिशा सूचक व नोटिस बोर्ड लगाये जाएं। उन्होंने निर्देशित किया था कि प्रतिबंधित अवधि में समस्त वाहन ज्योलीकोट व भवाली होते हुए गंतव्य को जायेंगे। साथ ही उन्होंने प्रतिबंधित अवधि में वैकल्पिक मार्ग में यातायात सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश भी दिए थे।

लोनिवि भवाली अधिशासी अभियंता मदद मोहन पुंडीर ने बताया था कि रानीबाग में पुराने पुल के समीप 60 मीटर स्पान लेन ए क्लास पुल लोडिंग स्टील गर्डर पुल निर्माण कार्य प्रगति पर है। मार्ग के ऊपरी पहाड़ी का खुदान व कटान किया जाना है। दिन रात दस दिनों तक मार्ग पर कार्य होगा। इस कारण मार्ग में यातायात प्रभावित रहेगा। हालांकि ​डीएम के निर्देश के बावजूद आज हालात बद से बदतर देखे गये हैं। यहां ज्योलीकोट पुल में अल्मोड़ा, हल्द्वानी, भवाली जाने वाले यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ रही है। यात्रियों का कहना है कि ज्योलीकोट पुल के पास कई घंटों से जाम लगा है और कोई सुधलेवा नहीं है। इधर सीएनई ने इस संबंध में एनएच के जेई जगत बोरा से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पानी के धारे के सड़क पर बहने के कारण जाम लगा है। सड़क कटान किया जा रहा है जाम जल्द खुल जायेगा। हालांकि जाम में फंसे यात्रियों का कहना है कि जाम का मुख्य कारण वाहन चालकों द्वारा आड़े—तिरछे वाहन खड़े किये जाना है। वहीं कोई भी जिम्मेदार अधिकारी व पुलिस प्रशासन मौके पर नहीं है। जाम खुलवाने के लिए कोई भी तैनात नहीं है।

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