रामनगर : आंदोलनकारियों ने संयुक्त चिकित्सालय परिसर के बाहर किया धरना प्रदर्शन, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं व एसटीएच को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की मांग

रामनगर। बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने तथा सुशीला तिवारी अस्पताल को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की मांग को लेकर आक्रोशित आंदोलनकारियों ने…

रामनगर। बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने तथा सुशीला तिवारी अस्पताल को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की मांग को लेकर आक्रोशित आंदोलनकारियों ने संयुक्त चिकित्सालय परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन किया तथा अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक मणिभूषण पंत के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी को भेजा।

राज्य निर्माण आंदोलनकारी मंच एवं देव भूमि विकास मंच रामनगर के संयुक्त बैनर तले बड़ी संख्या में लोग बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए संयुक्त चिकित्सालय परिसर में धरने पर बैठ गए। धरना स्थल पर देवभूमि विकास मंच के संयोजक मनमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता एवं राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी के संचालन में हुई हंगामेदार सभा में राज्य आंदोलनकारी हल्द्वानी के मोहन पाठक ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार को जमकर कोसा, उन्होंने आरोप लगाया कि कुमाऊं मंडल में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है, यही नहीं कुमाऊं मंडल की रीढ़ कहे जाने वाली सुशीला तिवारी अस्पताल की भी हालत खस्ता है।

पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं हर गरीब और अमीर आदमी का मौलिक अधिकार है लेकिन केंद्र एवं प्रदेश की सरकार ने आम जनता का यह हक छीन लिया है। समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार ने कहा कि सरकार के द्वारा पीपीपी मोड कंपनी के साथ जो अनुबंध किया है उस अनुबंध के आधार पर कंपनी के द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दी जा रही है। आंदोलनकारी पान सिंह नेगी, पी सी जोशी, अनिल अग्रवाल खुलासा, नवीन नैथानी, इंदर सिंह मनराल, हाफिज सईद अहमद, ललित उप्रेती, महेश जोशी, सुमन जोशी, रवि, किरण आर्य, जीएस बिष्ट, सुमित लोहनी, चंद्रदत्त सती ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक जिलाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया, उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि कोरोना काल में कोरोना वारियर ने अपनी सेवाएं दी, जिनके लिए प्रधानमंत्री द्वारा ताली, थाली बजाई गई उन्हीं कोरोना योद्धाओं को जिलाधिकारी द्वारा उनका रोजगार छीन कर बेरोजगार कर दिया है।

वक्ताओं ने पीपीपी मोड के इंचार्ज डॉ. राकेश बटर पर आरोप लगाया कि वह जनप्रतिनिधियों से मिलना भी उचित नहीं समझते हैं। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी को भेजे पांच सूत्रीय ज्ञापन में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरस्त करने, रामनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सृजित रिक्त पदों के अनुसार डॉक्टर एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति, अस्पताल में बलगम से लेकर सभी तरह की जांच उपलब्ध करना सुनिश्चित करने, सुशीला तिवारी अस्पताल को एम्स की तर्ज पर विकसित करने, रामनगर स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों को सुचारू, नियमित रूप से चलाने, वहां पूर्व में कार्यरत फार्मेसिस्ट व अन्य स्टाफ की बहाली कर नियमित करने, सरकार द्वारा संयुक्त चिकित्सालय रामनगर के संदर्भ में शिवम कंपनी पीपीपी मोड से किए गए अनुबंध के तहत सभी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने तथा सचल वाहन एंबुलेंस में अनुबंध के आधार पर सभी सुविधाएं उपकरण एवं डॉक्टरों को भेजने की मांग की गई है।

धरना-प्रदर्शन करने वालों में इंदर सिंह मनराल, महेश जोशी, तुलसी जोशी, पान सिंह नेगी, संजय नेगी पूर्व ब्लाक प्रमुख, डीडी सती, नवाब अहमद, हीरा सिंह रावत, कुंदन सिंह मेहरा, नवीन नैथानी, मनोज पाटकोट, चंदूलाल मंडोलिया, लालमणि, मनिंदर सिंह सेठी, संजय कुमार, मदन अधिकारी, हिमांशु तृरूवा, मोहन पाठक, फजल खान, ललित उप्रेती, योगेश सती, अनिल अग्रवाल खुलासा, जे एस बिष्ट, शांति बिष्ट, सुमन जोशी, सुमित्रा बिष्ट, तुलसी छिमबाल, कमला पांडेय, मोहिनी पांडेय, किरण आर्य, साकिर हुसैन हाफिज सईद अहमद, गोविंद सिंह बिष्ट, मनमोहन अग्रवाल, बाल किशन चौधरी, चंद्र दत्त सती, मुनीश कुमार, मदन मेहता, गोपाल अधिकारी, सुमित लोहनी, मनोज तिवारी, प्रशांत मनराल, रईस अहमद व राजीव भगत आदि थे।

1-बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरस्त किया जाय। रामनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सृजित रिक्त पदों के अनुसार डॉक्टर एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाए।
2-अस्पताल में बलगम से लेकर सभी तरह की जांच उपलब्ध करना सुनिश्चित किया जाय।
3-सुशीला तिवारी अस्पताल को एम्स की तर्ज पर विकसित किया जाय ।
4-रामनगर स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों को सुचारू, नियमित रूप से चलाने, वहां पूर्व में कार्यरत फार्मेसिस्ट व अन्य स्टाफ की बहाली कर नियमित किया जाय।
5-सरकार द्वारा संयुक्त चिकित्सालय रामनगर के संदर्भ में शिवम कंपनी पीपीपी मोड से किए गए अनुबंध के तहत सभी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाए। तथा सचल वाहन एंबुलेंस में अनुबंध के आधार पर सभी सुविधाएं उपकरण एवं डॉक्टरों को भेजना सुनिश्चित किया जाय।

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