संशय खत्म : लॉक डाउन के बीच सड़क मार्ग से ऊखीमठ पहुंचे केदारनाथ के रावल, अब प्रशासन भेज सकता है 14 दिन के क्वारंटाइन में

रुद्रप्रयाग। आंखिर केदारनाथ धाम के कपाटोद्घाटन पर केदारनाथ के रावल श्री भीमाशंकर की उपस्थिति पर बना संशय खत्म हो गया आज केदारनाथ के रावल 1008 जगतगुरु…

रुद्रप्रयाग। आंखिर केदारनाथ धाम के कपाटोद्घाटन पर केदारनाथ के रावल श्री भीमाशंकर की उपस्थिति पर बना संशय खत्म हो गया आज केदारनाथ के रावल 1008 जगतगुरु भीमशंकर लिंग जी महाराष्ट्र से शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ पहुंच गये हैं।
बता दें कि भगवान शंकर के बारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को तय तिथि एवं मुहुर्तानुशार श्रद्धालुओं हेतु खोले जायेंगे। परम्परानुसार रावल का डोली प्रस्थान सहित कपाट खुलने की पूजा में रहना आवश्यक है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते केदारनाथ के रावल नांदेड़ महाराष्ट्र में फंसे थे। कुछ दिन पूर्व उनके द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ऊखीमठ पहुंचाने की मांग सरकार से की गयी थी।
लॉकडाउन व कोरोना महामारी बचाव व नियंत्रण के लिये प्रभावी नियमों के चलते उनका ऊखीमठ पहुंचने मे संशय बना हुआ था। उनके न पहुंचने की स्थिति में सरकार द्वारा पौराणिक पंरपराओं के अनुसार डोली विदाई व पट खोलने के विकल्प भी तलाशे जा रहे थे, लेकिन अब रावल श्री 1008 भीमाशंकर लिंग सड़क मार्ग से शीतकालीन गद्दीस्थल, ऊषामठ (ऊखीमठ) पहुँच गए हैं। फिलहाल उनके पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ पहुँचने पर भगवान केदारनाथ धाम के कपाटोद्घाटन को लेकर चल रही चर्चाओं पर भी विराम लग गया है। अब देखना यह है कि शासन प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के प्रवधानों के तहत रावल जी को आवश्यक 14 दिन के क्वारंटीन का अनूपालन कराया जाता है तो रावल द्वारा कपाटोद्घाटन संबधित सभी प्रकार की पूजाओं में शामिल होना मुमकिन नहीं हो पायेगा।
उखीमठ पहुँचने पर रावल श्री श्री 1008 जगद्गुरु भीमाशंकर लिंग का कहना है कि धर्म और मठ की परंपरा की रक्षा के लिए वे अपने पूर्व रावलों और गुरुओं की भांति कभी भी जान की भी परवाह नही करेंगे। वहीं ऊखीमठ पहुंचने पर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनोज रावत के भी रावल के दर्शन उनके कक्ष के बाहर से किये जाने की भी खबर है।

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