सर्दियों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, जिंदगी से प्यार है तो जरूर पढ़ें

(Heart Attack) हार्ट अटैक, इस शब्द का नाम आते ही जो विचार आपके दिमाग में आता है वह क्या है। निश्चित रूप से बिना बुलावे…

(Heart Attack) हार्ट अटैक, इस शब्द का नाम आते ही जो विचार आपके दिमाग में आता है वह क्या है। निश्चित रूप से बिना बुलावे की मौत, यानी आकस्मिक मौत। अजीब बात है कि ह्रदय गति रूकने से हुई मौतों के समाचार हम रोजाना पड़ते हैं, लेकिन कभी यह नहीं सोचते कि एक अच्छे-भले इंसान की मौत आखिर कैसे हो गई।

जरा मीडिया रिपोर्टस का अध्ययन कर लीजिए। कोई जिम में एक्सरसाइज कर रहा था, कोई क्रिकेट खेल रहा था। इस बीच अचानक उसे दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई। ऐसा क्यों होता है। इन सब बातों को समझाने और निदान ढूंढने के लिए हमने काफी रिसर्च के बाद यह लेख लिखा है। जिसे न आपको केवल पढना है, बल्कि समझना भी है, ताकि आप पूरी तरह निरोगी रहें।

क्या होता है हमारा दिल

हृदय पूरे दिन में 01 लाख बार धड़कता है। यह हमारी छाती के बाईं ओर होता है। हमारा दिल 24 घंटों में पूरे शरीर में 5000 गैलन रक्त पंप करता है। इसका प्रमुख कार्य हमारे tissues को oxygen और अन्य nutrients की आपूर्ति करना है। ह्रदय यानी दिल अगर काम नहीं करे तो परिणाम घातक होते हैं।

जान लीजिए क्या होता है यह हार्ट अटैक

चिकित्सकों के अनुसार हार्ट अटैक को Myocardial infarction कहते हैं। ‘मायो’ मतलब मांसपेशी और ‘कार्डियल’ का अर्थ होता है दिल। ‘इनफार्क्शन’ का मतलब खून की आपूर्ति टिश्यू के नष्ट होने के कारण हृदय की मांसपेशियों को लंबे समय तक नुकसान पहुंच रहा है। ह्रदयघात वह परिस्थिति है, जहां हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती है। जिससे एकाएक खून की सप्लाई दिल तक बंद हो जाती है।

इसे हाटै ब्लॉकेज भी कहा जाता है। myocardial infarction या ह्रदय घात के कारण दिल के टिश्यू को होने वाले नुकसान की गंभीरता अटैक की अवधि से समझी जाती है। अगर समय सीमा कम है तो जान बच सकती है।

हार्ट अटैक के यह हैं सामान्य लक्ष्ण (Heart attack symptoms)

⏩ छाती में दर्द या किसी प्रकार की परेशानी।

⏩ शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द।

⏩ सीने में दर्द, बेचैनी या किसी प्रकार का दबाव

⏩ बाएं हाथ में दबाव, जबड़े, गले और कंधे में दबाव

⏩ बहुत ज्यादा ठंडा पसीना

⏩ अचानक चक्कर आना

हार्ट अटैक के यह हैं कारक तत्व (Heart attack causes)

⏩ 45 साल से अधिक उम्र के पुरुषों और 55 साल की उम्र से ऊपर की महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है।

⏩ महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा संभावना

⏩ आनुवांशिक रूप से फैमली हिस्ट्री है तो दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की अधिक संभावना

⏩ उच्च रक्तचाल वाले लोगों को ज्यादा संभावना।

⏩ बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर

⏩ जरूरत से ज्यादा मोटापा भी हार्ट अटैक का कारण हो सकता है।

⏩ डायबिटीज के मरीजों को इसका ज्यादा खतरा रहता है।

⏩ तनावग्रस्त रहने वाले लोगों को हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है।

⏩ धूम्रपान करने वालों में ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ता है, जो हार्ट अटैक का मूल है।

ऐसे बचें दिल के दौरे से (Diagnosis of heart attack):

⏩ अपना ईसीजी करायें : ECG और अन्य जांच ह्रदय रोग को पहचान सकती है। अगर आप 40 प्लस हैं तो जरूर अपनी ह्रदय की जांच करायें।

⏩ खून की जांच: आपको समय-समय पर अपने खून की जांच भी करानी चाहिए।

⏩ (इकोकार्डियोग्राफी/ Echocardiography) : इस इमेजिंग परीक्षण से आपके डॉक्टर को पता चल जाता है कि आपका ह्रदय बेहतर ढंग से पंप कर रहा है या नहीं। इस जांच से यह भी मालूम हो जाता है कि अटैक के दौरान आपके ह्रदय का कोई हिस्सा नुकसान में तो नहीं। एंजियोग्राफी (angiography): धमनियों में यदि रुकावट हो तो यह बेस्ट इमेजिंग टेस्ट है। दिल के दौरे में इसका प्रयोग होता है। परीक्षण के दौरान एक तरल डाई को कैथेटर के नाम से जानें जानी वाली ट्यूब की मदद से आपके दिल की धमनियों में इंजेक्ट किया जाता है।

⏩ cardiac CT or MRI : इससे आपकी दिल की मांसपेशियों को हुए नुकसान की सीमा देखी जा सकती है।

Heart attack treatment/हार्ट अटैक आये तो क्या करें

जब भी दिल की धड़कन धोखा दे जाये तो तत्काल इमरजैंसी समझें। आपको सिर्फ यही सोचना है कि कैसे जल्द से जल्द निकटवर्ती अस्पताल पहुंच जायें।

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