सरकार के जुल्म के खिलाफ, सिंधु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली, मौत

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान 21…


नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान 21 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं। सिंधु बॉर्डर पर किसानों के धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार ली है। उनकी मौत हो गई है।

संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट में क्या लिखा

संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा कि किसानों का दुख देखा। वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं। बहुत दिल दुखा है। सरकार न्याय नहीं दे रही। जुल्म है। जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है। राम सिंह आगे लिखते हैं कि किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया। कइयों ने सम्मान वापस किए। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है और कीर्ति-किसानों के हक में आवाज है। वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।

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