सीवर ट्रीटमेंट प्लांट प्रधानमंत्री का निर्मल गंगा की ओर बढ़ता अभूतपूर्व कदम : महाराज

देहरादून/हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे के तहत आज उत्तराखंड में बने 8 शिविर ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने…

देहरादून/हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे के तहत आज उत्तराखंड में बने 8 शिविर ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया। नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत निर्मित परियोजनाओं के लोकार्पण की कड़ी में आज हरिद्वार जिले के अंतर्गत जगजीतपुर में एस. टी. पी. कॉम्पलैक्स में सीवेज शोधन हेतु नगर के पांच सीवरेज जोन जिसके तहत नगर की लगभग 80% आबादी लाभान्वित होती है उसका प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया। इस मौके पर हरिद्वार के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे के तहत बने 8 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लोकार्पण अवसर पर सराय हरिद्वार में वर्चवल रूप से प्रधानमंत्री के साथ उपस्थित सतपाल महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रदेश में नमामि गंगे योजना के अंतर्गत 521 करोड़ के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण उत्तराखंड में निर्मल गंगा की ओर बढ़ता हुआ अभूतपूर्व कदम है।

प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा आज जगजीतपुर, हरिद्वार में 230 करोड़ की लागत से बना 68 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, 20 करोड़ की लागत से बना 27 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, सराय हरिद्वार में 13 करोड़ की लागत से बना 18 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, चंडी घाट हरिद्वार में गंगा के संरक्षण एवं जैव विविधता को प्रदर्शित करने वाला “गंगा संग्रहालय,” लक्कड़ घाट, ऋषिकेश में 158 करोड़ की लागत से बनाये गये 26 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चंद्रेश्वर नगर मुनी की रेती में 41 करोड़ की लागत से बने 7.5 एमएलडी क्षमता के एसटीपी, चोरपानी मुनी की रेती में 39 करोड़ की लागत से बने 5 एमएलडी क्षमता के एसटीपी, बद्रीनाथ में 19 करोड़ की लागत से बने 1.01 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का लोकार्पण किया गया।

सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड में प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में प्रवाहित होता था जो कि इन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के लग जाने के बाद अब गंगा में प्रवाहित नहीं होगा। सतपाल महाराज ने कहा कि जनसंख्या घनत्व के चलते नगर में निरंतर सीवरेज की मात्रा में वृद्धि हो रही है। जगजीतपुर एसटीपी कंपलेक्स में उपलब्ध 45 एमएलडी शोधन क्षमता के सापेक्ष वर्ष 2017 में लगभग 80 से 85 एमएलडी सीवरेज पहुंचता था जिस कारण उस समय लगभग 35 से 40 एमएलडी सीवरेज अशोधित रह जाता था। लेकिन अब प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे परियोजना के धरातल पर साकार रूप लेने के बाद इस समस्या का समाधान संभव हो सकेगा।

सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जगजीतपुर हरिद्वार में 68 एमएलडी एसटीपी का निर्माण हाइब्रिड एन्यूटि मॉडल के आधार पर किया गया है। जिसने निर्माण अवधि के दौरान निर्माणकर्ता फर्म को निर्माण लागत का मात्रा 40% ही भुगतान किया जाना है जबकि शेष 60% धनराशि का भुगतान आगामी 15 वर्ष अनुरक्षण अवधि में अनुरक्षण व्यय के साथ एन्यूटि के रूप में किया जाना है।

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