व्यंग्य लघु कथा — इंसानों ने बढ़ा दिया रूतबा

— रोहित यादव, हरियाणा सड़क के एक मोड़ पर दो बाइक सवार आपस में टकराकर गिर पड़े। सड़क से उठते हुए एक व्यक्ति ने गुस्से…

— रोहित यादव, हरियाणा

सड़क के एक मोड़ पर दो बाइक सवार आपस में टकराकर गिर पड़े। सड़क से उठते हुए एक व्यक्ति ने गुस्से में आकर दूसरे व्यक्ति से कहा, ‘‘सूअर की औलाद, देखकर नहीं चल सकता।’’

सूअर की गाली सुनकर दूसरे व्यक्ति को भी बड़ा गुस्सा आया और उसने भी लगे हाथ गाली दे डाली, ‘‘तू सूअर और तेरा बाप सूअर।’’
सड़क के किनारे खड़ा एक सूअर उन दोनों में चल रही गाली-गलौच को सुन रहा था। वह खुशी के मारे जोर से घुरघुराया। उसकी घुरघुराहट को सुनकर नाली के गंदे पानी में मुंह मार रहे अन्य सूअर दौड़कर उसके पास आए और उससे घुरघुराने का कारण पूछा।

वह सूअर खुश होकर बोला, ‘‘बंधुओं, सुनो-सुनो, तुम्हें खुश होना चाहिए कि अब तुम छोटी जात में नही रहे हो। अब तुम्हारा भी रुतबा बढ़ गया है। देखो ! सामने दो व्यक्ति आपस में झगड़ रहे हैं और एक-दूसरे को सूअर की औलाद बता रहे हैं। पृथ्वी पर सबसे समझदार कहे जाने वाला प्राणी मानव अब तुम्हारी जात में आ गया है” – यह सुनकर सूअर खुशी से झूम उठे और घुरघुराते हुए नाली की तरफ दौड़ चले थे।

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