अल्मोड़ा न्यूज : डॉ. रितु जैन ने किया मित्रता’ एवं ‘प्रलोभन’ से जुड़े पक्षों को उजागर ! छह दिवसीय स्मार्ट गर्ल कार्यशाला का समापन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा शिक्षा शास्त्र विभाग में विभाग, एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में ‘आत्म निर्भर भारत’ अभियान के तहत विगत छह दिनों से संचालित ‘स्मार्ट गर्ल…


सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

शिक्षा शास्त्र विभाग में विभाग, एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में ‘आत्म निर्भर भारत’ अभियान के तहत विगत छह दिनों से संचालित ‘स्मार्ट गर्ल आनलाइन कार्यशाला’ का समापन हो गया है। अंतिम दिवस प्रशिक्षिका व मुख्य वक्ता डॉ. रितु जैन ने प्रतिभागी बीएड की प्रशिक्षु छात्राओं के अंतर्मन को छूने का प्रयास करते हुए जीवन से जुड़े उदाहरणों द्वारा ‘मित्रता’ एवं ‘प्रलोभन’ से जुड़े पक्षों को उजागर किया।
प्रशिक्षिका द्वारा प्रतिभागी छात्राओं में इस समझ का विकास करने का प्रयास किया गया कि मित्रता सहजता से हो जाती है, किंतु नजदीकी मित्र सोच—समझकर बनाये जा सकते हैं। वहीं अच्छे मित्रों का चयन करने के मामदण्डों से भी अवगत कराया गया। डॉ. जैन ने अच्छे व बुरे स्पर्श के प्रति सचेत रहते हुए प्रतिभागियों को स्वयं पर विश्वास रखने एवं अपने सिद्धान्तों का पालन करने के महत्व को भी समझाया गया। मौजूदा समय में सोशल ​मीडिया पर भी मित्र बनाने की होड़ के बीच किन आवश्यक बातों का ध्यान रखा जाये यह पर भी चर्चा की गई।

कार्यक्रम के समापन के अवसर पर संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष प्रो. विजया रानी ढ़ौढियाल द्वारा बालिकाओं की प्रतिभागिता एवं रूचिपूर्वक दिए गये सभी सत्रीय कार्यों को कुशलता से करने की प्रशंसा की गई। इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि छात्राएं भविष्य में भी कार्यशाला से प्राप्त अनुभवों से लाभान्वित होंगी। बीजेएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहित जैन एवं डॉ. अंशुमाली शर्मा द्वारा छात्राओं से कार्यशाला से प्राप्त अनुभवों पर चर्चा करते हुए आत्म विश्वास के साथ आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अशोक श्रोत्री ने कहा कि बेटियां त्याग, तपस्या, प्रेम, नि:स्वार्थथता, जैसी अद्भुत शक्तियों से परिपूर्ण होती हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रो. भीमा मनराल ने दैनिक जीवन में बढ़ते कम्युनिकेशन गैप व पारिवारिक मूल शिक्षा के अभाव पर ध्यान आकर्षित करते हुए इस पर प्रकाश डाला कि आज सैद्धान्तिक ज्ञान ने व्याव​हारिक ज्ञान का स्थान ले लिया है तथा सामाजिकता एवं धैर्य जैसे गुणों का लोप हो गया है, जिन्हें पुन: स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने नकारात्मकता को दूर करते हुए समाज को क्या दिया जा सकता है। इस पर चिंतन करने का आग्रह किया। कार्यक्रम में डॉ. रिजवाना सिद्दकी एवं डॉ. संगीता पवार ने भी धन्यवाद व्यक्त करते हुए छात्राओं से भविष्य में सीखे हुए ज्ञान एवं कार्यशाला से प्राप्त अनुभवों का प्रयोग करते हुए अपने व्यक्तित्व पर साकारात्मक परिवर्तन लाने पर जोर दिया। साथ ही बेहतर संवाद, जिम्मेदारी, आत्म—विश्वास, समय—प्रबंधन एवं आत्म निर्भरता जैसे गुणों को अपनाने पर बल दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *