देहरादून : एसजेवीएन अंतर्राष्ट्रीय सौर एलाईंस में हुआ शामिल

देहरादून। एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने विद्युतएवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), आर.के. सिंहकी गरिमामयी उपस्थिति में अंतर्राष्‍ट्रीय…

देहरादून। एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने विद्युतएवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), आर.के. सिंहकी गरिमामयी उपस्थिति में अंतर्राष्‍ट्रीय सौर एलाईंस (आईएसए) के कारपोरेट सदस्‍य के रूप में शामिल होते हुए अंतर्राष्ट्रीय सौर एलाईंस (आईएसए) के महानिदेशक, उपेन्द्र त्रिपाठी को 7.4 करोड़ रुपए (यूएसडी 1 मिलियन) का चेक भेंट किया। इस अवसर पर एसजेवीएन के निदेशक (सिविल), एस.पी. बंसल एवं निदेशक (वित्त) ए.के. सिंह भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि, यह प्रतिष्ठित सदस्यता एसजेवीएन को सुरक्षित, सुविधाजनक, किफायती, निष्‍पक्ष तथा सततशील तरीके से सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग जुटाने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करेगी। उन्होंने अवगत करवाया कि, हमारे प्रधानमंत्री ने हाल ही में ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ (ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी) के मंत्र के साथ सीमापार सौर ऊर्जा आपूर्ति को जोड़ने का आह्वान किया है। सौर ऊर्जा पर विशेष ध्यान देने के साथ आईएसए एकमात्र अंतरराष्ट्रीय निकाय है। अब तक 67 देशों ने आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते को अंगीकृत किया है तथा इस समझौते पर 86 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं।

शर्मा ने आगे बताया कि, अब एसजेवीएन अपने कारपोरेट सदस्‍य के रूप में आईएसए की विभिन्न परियोजनाओं/योजनाओं/कार्यक्रमों से जुड़ा होगा, जो एसजेवीएन को ब्रांड दृश्यता तथा व्यावसायिक लाभ दोनों प्रदान करेगा। इसका लाभ तत्काल एवं दीर्घावधि स्‍वरूप का होगा, जिसमें विभिन्‍न अन्‍य देशों में व्‍यवसाय विस्‍तार के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों, अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और अवसरों पर अपडेट शामिल हैं। एसजेवीएन ने आने वाले वर्षों में अतिरिक्‍त क्षमतागत बढ़ोत्‍तरी के महत्‍वाकांक्षी लक्ष्यों को निर्धारित किया है।

अंतरराष्ट्रीय सौर एलाईंस (आईएसए) की परिकल्पना सौर संसाधन संपन्न देशों के एलाईंस के रूप में की गई थी ताकि उनकी ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का लक्ष्‍य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने हेतु सौर ऊर्जा के कुशल दोहन के लिए कार्य करना है तथा इसका उद्देश्य सार्वभौमिक ऊर्जा पहुंच की उपलब्धि एवं जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने की दिशा में अपने प्रयासों में सदस्य देशों तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों का समर्थन करना है।

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