….तो अब प्रदेश में आर.एस.एस. के सहयोग से चलेगी पर्यावरण संरक्षण की मुहिम ? किसान नेता पुरूषोत्तम शर्मा ने लगाये यह आरोप…पढ़िये पूरी ख़बर…

अल्मोड़ा। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार पर वन पंचायतों की उपेक्षा कर पर्यावरण संरक्षण के धन…

अल्मोड़ा। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार पर वन पंचायतों की उपेक्षा कर पर्यावरण संरक्षण के धन से आरएसएस को प्रमोट करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड जय राज ने अपने विभागीय अधिकारियों को पत्र संख्या 1259/ 2/06/2020 के माध्यम से एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि पर्यावरण संरक्षण में अधिकाधिक जन भागीदारी के लिए इस वर्ष होने वाले पौधारोपण, वन महोत्सव, हरेला आदि कार्यक्रमों में आरएसएस के सदस्यों का भरपूर सहयोग लेते हुए उन्हें बढ़ चढ़ कर भाग लेने का अवसर प्रदान करें।
किसान नेता पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा यह आदेश उत्तराखण्ड में सत्ता द्वारा राज्य के संसाधनों से आरएसएस को प्रमोट करने और सत्ताधारियों के प्रति राज्य के नौकरशाहों की स्वामी भक्ति की इंतहा है। उन्होंने कहा आरएसएस का इतिहास इस देश में पर्यावरण संरक्षण का नहीं बल्कि साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिये सामाजिक प्रदूषण फैलाने से जुड़ा रहा है। इस काम के लिए आरएसएस का चयन भी दिखाता है कि त्रिवेन्द्र सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए नहीं, बल्कि साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले आरएसएस के विस्तार को लेकर ज्यादा सक्रिय है।
श्री शर्मा ने कहा दुनिया में उत्तराखण्ड एक ऐसा राज्य है जहां वनों पर निर्भर किसानों ने वन व पर्यावरण संरक्षण के लिए अनूठा काम किया है। इस छोटे से राज्य में लगभग 12 हजार वन पंचायतों को गठित कर किसानों ने सरकारी सहायता के बिना ही अपने संशाधनों से बड़े-बड़े क्षेत्रों में वन उगाए हैं। इसके अलावा भी हजारों लट्ठ पंचायतें हैं जिनमें किसानों ने खुद वन खड़े किए हैं और उनकी रखवाली करते हैं। किसानों द्वारा विकसित किए गए इन वनों के कारण ही सरकारी वनों पर स्थानीय निवासियों की निर्भरता कम हुई है और उनका भी संरक्षण हुआ है।
किसान नेता ने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि राज्य में त्रिवेन्द्र रावत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार उत्तराखण्ड में पर्यावरण संरक्षण के इन असली प्रहरियों को दरकिनार कर आरएसएस को प्रमोट करने पर तुली हुई है। इससे इस सरकार की असली मंशा भी उजागर हो रही है। असल में त्रिवेन्द्र सरकार किसानों की वन पंचायतों को किनारे कर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी खर्च पर आरएसएस का विस्तार करने का रास्ता बना रही है।
उन्होंने कहा अखिल भारतीय किसान महासभा राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार से इस आदेश को तत्काल वापस कराने और पर्यावरण संरक्षण की हर योजना में किसानों की वन पंचायतों और किसान संगठनों की भूमिका व भागीदारी की गारंटी करने की मांग करती है। श्री शर्मा ने कहा अगर राज्य सरकार ने यह आदेश वापस नहीं लिया और वन पंचायतों की उपेक्षा की, तो आखिल भारतीय किसान महासभा राज्य की वन पंचायतों के साथ बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होगी।

यह जारी हुआ है पत्र —

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