रामनगर न्यूज़ : कर्मचारी शिक्षकों ने गांधी प्रतिमा के नीचे निजीकरण के खिलाफ मनाया संकल्प दिवस

रामनगर। निजीकरण के खिलाफ पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी शिक्षकों ने आज राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर संकल्प दिवस मनाया। बड़ी संख्या…


रामनगर। निजीकरण के खिलाफ पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी शिक्षकों ने आज राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर संकल्प दिवस मनाया। बड़ी संख्या में कर्मचारी शिक्षक नगर पालिका परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे इकट्ठा हुए। सर्वप्रथम गांधी जी की प्रतिमा पर मालार्पण किया। वहां हुई सभा को संबोधित करते हुए पुरानी पेंशन बहाली के अध्यक्ष गिरीश मेंदोला ने कहा के 90 के दशक के शुरुआती दिनों से ही नरसिम्हा राव की सरकार ने इस देश में उदारीकरण निजीकरण की नीतियों को लागू किया बाद के वर्षों में मनमोहन सिंह की सरकार रही हो या बाजपेई सरकार रही हो सभी ने निजीकरण की नीतियों को तेज किया।

जिसके चलते सार्वजनिक उपक्रमों को कौड़ियों के भाव बेचा गया। मोदी सरकार ने भी निजीकरण की रफ्तार को ना केवल बनाए रखा बल्कि उसको और भी तेज कर दिया और तमाम उन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को जो फायदे में थे सब को औने पौने दामों पर बेच दिया। कर्मचारी शिक्षक संगठन के मंडल अध्यक्ष नवेंदु मठपाल ने कहा कि निजीकरण इस देश के लिए बहुत ही खतरनाक है निजीकरण के कारण जहां एक और लाखों लाख कर्मचारियों की नौकरियों पर तलवार लटक गई है उनको निकाला जा चुका है वहीं दूसरी ओर सार्वजनिक सेक्टर को कारपोरेट घराने को सौंपने से बेरोजगारी में भी भारी इजाफा हुआ है।

वनविभाग के कर्मचारी नेता वीरेन पांडे का मत था कि आज सभी कर्मचारी शिक्षकों को निजीकरण की नीतियों के खिलाफ एकजुट हो सड़कों पर उतरना होगा तभी हमको पुरानी पेंशन का लाभ मिल पाएगा और उसके साथ ही साथ सरकार द्वारा जो जबरदस्ती कार्मिकों को रिटायर किया जा रहा है उससे भी बचा जा सकेगा। प्राथमिक शिक्षक संघ के नेता नंदराम ने कर्मचारी शिक्षकों के बीच निजीकरण के दुष्प्रभाव को लेकर व्यापक सजगता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया संगठन के कोषाध्यक्ष जावेद ने कहा की हमारी एकजुटता ही सरकार को जहां एक और पुरानी पेंशन देने के लिए मजबूर कर सकती है वहीं दूसरी ओर हमारी नौकरियों पर आ रहे संकट से भी हम को उबार सकती है।

वक्ताओं का मत था कि निजीकरण से सिर्फ अडानी अम्बानी को ही फायदा हो रहा है, आमजनमानस त्रस्त है। निजीकरण की नीतियों के चलते कर्मचारी आंदोलनों के संघर्ष से हमने जो कुछ भी पाया था, सब हमसे छीना जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कोरोना काल ने साबित कर दिया है कि सरकारी सेक्टर ही भारतीय समाज के हित में है।

इस मौके पर गिरीश मैंदोला, जावेद, रामाशीष प्रसाद पाल, रविकांत शर्मा, अनिल कुमार वर्मा, गौरव शर्मा, हेम चन्द्र पाण्डे, चारु चन्द्र तिवारी, नंद राम, पंकज कुमार पाण्डे, पवन चौहान, नवेन्दु मठपाल, कौशिक मिश्रा, मनोज मोहन कश्मीरा, वीरेंद्र प्रसाद पाण्डे, प्रभजोत वालिया, मोहित सिंह राठौड़, अनुपम शुक्ला, श्याम सुंदर मेहरा, नीरज राज, ममता पन्त, बृजमोहन रावत, नेहा गुप्ता व नीलम सुंदरियाल मौजूद रहे।

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