पंजाब न्यूज : सिख धर्म के उदगम स्थल सुल्तानपुर लोधी में प्रकाश पर्व की धूम

डा. सुनील दत्त धीर सुल्तानपुर लोधी। पहली पादशाही साहिब श्री गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब…

डा. सुनील दत्त धीर

सुल्तानपुर लोधी। पहली पादशाही साहिब श्री गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्र-छाया और पाँच प्यारों के नेतृत्व में शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से रविवार को सिख धर्म के उद्गम स्थल गुरुद्वारा श्री संत घाट साहिब से गुरुद्वारा श्री बेर साहिब तक विशाल नगर कीर्तन सजाया गया। नगर कीर्तन के शुभारंभ के समय फूलों के साथ सजी सुंदर सुनहरी पालकी साहिब के अंदर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को विराजमान किया गया। विशाल नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री संत घाट से आरंभ होकर उधम सिंह चौक, तलवंडी चौक, आर्य समाज चौक, चौक चेलिया, रेलवे रोड, पुरानी दाना मंडी, गुरु बाजार, सदर बाजार, खालसा कॉलेज रोड बेबे नानकी चौक से होते हुए खालसई जाहो जलाल के साथ गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में पहुंच कर संपन्न हुआ। इससे पूर्व गुरूद्धारा बेर साहिब में अरदास की गई। नगर कीर्तन के दौरान सतनाम श्री वाहेगुरु के जाप से पावन नगरी सुल्तानपुर लोधी गुरुमयी हो उठी। नगर कीर्तन में शामिल संगत की ओर से लगाए गए “जो बोले सो निहाल” के गगनचुंबी जयकारों से नानक नगरी गूंज उठी। नगर कीर्तन में मीरी पीरी गतका क्लब द्वारा खालसाई खेल गतके को प्रस्तुत किया गया। नगर कीर्तन के दौरान हाथी पर सवार निहंग बच्चों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र थे। विशाल नगर कीर्तन में क्षेत्र की धार्मिक जत्थेबंदियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। शहर में विभिन्न स्थानों पर संगत ने नगर कीर्तन का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। नगर कीर्तन के दौरान धार्मिक जत्थे बंदियों की ओर से विभिन्न स्थानों पर लंगर भी लगाए गए।

सांसद जसबीर सिंह डिंपा, विधायक नवतेज सिंह चीमा, पूर्व वित्त मंत्री पंजाब डा. उपिंदरजीत कौर, मिल्कफेड के चेयरमैन कैप्टन हरमिंदर सिंह, मैनेजर जरनैल सिंह बूले, सुरजीत सिंह ढिल्लों, गुरजंट सिंह, गुरदयाल सिंह, नगर कौंसल के पूर्व प्रधान अशोक मोगला, समाज सेवक अमित कुमार रिंकू, बलजिंदर सिंह, एस.एच.ओ सरबजीत सिंह, तेजवंत सिंह, फौजी बक्शीश सिंह, शमशेर सिंह, सतिंदर सिंह इत्यादि बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। कोरोना महामारी को भूलकर हजारों की गिनती में नानक नाम लेवा संगत नगर कीर्तन में शामिल हुए।

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