HomeBreaking Newsटि्वटर इंडिया के पूर्व MD मनीष माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

टि्वटर इंडिया के पूर्व MD मनीष माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वायरल वीडियो मामले में टि्वटर इंडिया के पूर्व प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी को शुक्रवार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर मनीष माहेश्वरी को नोटिस जारी किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले में ‘अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया है जिसमें उसने मनीष माहेश्वरी को गाजियाबाद की लोनी थाने में जांच के मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति के नोटिस को रद्द कर दिया था। वायरल वीडियो के एक मामले में दर्ज अपराधिक प्राथमिकी में जांच के सिलसिले में पुलिस को नोटिस दिया था। उच्च न्यायालय ने माहेश्वरी की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी थी। आरोपी मनीष माहेश्वरी ने भी शीर्ष अदालत में सुनवाई की मांग को लेकर कैविएट याचिका दाखिल की है।

Breaking : कोसी नदी में मिला शत—विक्षत शव, शिनाख्ती के प्रयास, जांच में जुटी पुलिस

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 23 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस कि उस नोटिस को दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए उसे रद्द कर दिया था, जिसमें मनीष माहेश्वरी को थाने में व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर बयान देने के लिए कहा गया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 24 जून को माहेश्वरी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कथित तौर पर सांप्रदायिक माहौल खराब करने संबंधित एक वायरल वीडियो विवाद के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में टि्वटर इंडिया के अधिकारियों ने कहा था कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले में पूछताछ के लिए तैयार है, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने खारिज कर दिया था।

आपदा से कुमाऊं में हुआ करोड़ों का नुकसान, 61 लोगों की मौत – कमिश्नर सुशील कुमार ने दी जानकारी

गाजियाबाद के लोनी थाने में 15 जून को टि्वटर, टि्वटर कम्युनिकेशंस इंडिया, समाचार वेबसाइट द वायर पत्रकार मोहम्मद जुबेर और राणा आय्यूब के अलावा कांग्रेस के नेताओं -सलमान निजामी, मक्सूद उस्मानी, शमा मोहम्मद और पत्रकार सबा नक्वी आदि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। खबरें वही जो समय पर मिले, तो जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now

पुलिस ने इन पर आरोप लगाया था कि वीडियो वायरल कर सांप्रदायिक माहौल को खराब करने की गई थी। वीडियो में एक बुजुर्ग व्यक्ति अब्दुल समद सैफी ने कथित तौर पर दावा करता हुआ दिखाया गया था कि गत पांच जून को कुछ युवकों ने उन्हें ‘जय श्री राम् का नारा लगाने के लिए कहा था और मना करने पर उनकी पिटाई की गई थी।

Breaking : एक सप्ताह में सुचारू हो जायेगा अल्मोड़ा—हल्द्वानी एनएच, क्वारब से लोहाली तक खुली सिंगल लेन

उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा गाजियाबाद पुलिस की नोटिस को रद्द करने और गिरफ्तारी से रोक संबंधी आदेश के मामले में उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया। इसके बाद सिर्फ अदालत ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि अदालत इस मामले की जांच करेगी।

मनीष माहेश्वरी का पक्ष वरिष्ठ वकील सिंघवी और सिद्धार्थ लूथरा ने रखा। गौरतलब है कि माहेश्वरी का तबादला अमेरिका का दिया गया है , जहां वह इस सोशल मीडिया कंपनी के रेवेन्यू स्ट्रेटजी एंड ऑपरेशन डिपार्टमेंट में सीनियर डायरेक्टर हैं।


RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments