Big News : कंधार के करीब पहुंचे तालिबानी लड़ाके, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा भी हुआ शामिल, भारतीयों की घर वापसी शुरू

सीएनई रिपोर्टर अफगानिस्तान में एक बार फिर से तालिबान अपने पांव पसारने लगा है। सूत्रों के अनुसार यदि यही हालात रहे तो अफगानिस्तान में बहुत…

सीएनई रिपोर्टर

अफगानिस्तान में एक बार फिर से तालिबान अपने पांव पसारने लगा है। सूत्रों के अनुसार यदि यही हालात रहे तो अफगानिस्तान में बहुत जल्द तालिबानी हुकूमत कायम हो जायेगी। हालात के खतरे को भांपते हुए भारत ने अफगानिस्तान रह रहे अपने ना​गरिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। भारतीय वायुसेना ने मिशन को अंजाम देते हुए फिलहाल 50 भारतीयों की घर वापसी कर दी है, ज​बकि राजन​यिक व उनके सुरक्षाकर्मियों को भी जल्द वापस बुलाया जा सकता है। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈

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मिली जानकारी के अनुसार कट्टरपंथी तालिबानी लड़ाके तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अत्याधुनिक हथियारों से लेस यह तालिबानी योद्धा पूरी तरह निरंकुश हैं और इनके लिए कानून या दया नाम की कोइ चीज नही है। यह कभी भी कुछ भी कर सकते हैं। यही कारण है कि तालिबान की बढ़ती ताकत को देख विभिन्न देशों के नागरिक अब जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़ने की दुआ कर रहे हैं। इनमें भारत के लोग भी शामिल हैं।

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सूत्र बता रहे हैं कि कई इलाकों में तालिबान आतंकियों ने अपना कब्जा जमा लिया है।तालिबान के लड़ाके अब कंधार के करीब पहुंच चुके हैं। इस घटनाक्रम के बीच भारत सरकार ने कंधार से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया है। इन सभी को वायु सेना के विमान से भारत लाया गया है। सूत्रों की मानें तो 50 भारतीय नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। इसके बावजूद कई स्थानीय कर्मचारी अभी भी वहीं हैं, लेकिन वाणिज्य दूतावास अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

सूत्रों की मानें तो विदेश मंत्रालय चाहे खुलकर कुछ नही कह रहा, लेकिन हालात बता रहे हैं कि कहीं कुछ तो गड़बड़ है। एक तरफ विदेश मंत्रालय का बयान आता है कि दूतावास बंद नही हैं, वहीं भारतीयों को वापस बुलाने का क्रम भी शुरू हो जाता है।

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बताया जा रहा है कि कंधार में भारतीय वाणिज्य दूतावास में भारतीय राजनयिक, सहायक कर्मचारी और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के गार्ड शामिल थे। चूंकि पाकिस्तान स्थित तमाम आतंकी ग्रुप लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी मुख्य रूप से दक्षिणी अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाकों में शामिल हो गए हैं, इसलिए भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान को भारतीय कर्मियों की सिक्योरिटी के लिए कॉल करना पड़ा। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈

एक रिपोर्ट बता रही है कि कंधार और दक्षिणी प्रांतों में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। जिसके चलते राजनयिकों और सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकाला गया है। एक अनुमान के अनुसार दक्षिणी अफगानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर 7,000 से अधिक लश्कर-ए-तैयबा के लड़ाके लड़ रहे हैं।

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पाकिस्तान में भी दहशत का आलम, कई इलाकों से भागे अफगान सैनिक

अफगानिस्तान में तालिबानी ताकत बढ़ने से अन्य मुल्कों से ज्यादा बेचैनी पाकिस्तान में है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने बिगड़ते हालात पर चिंता जताते हुए बयान दिया है कि अफगानिस्तान के हालात बेहद खराब हैं और पाक ​के काबू के बाहर हो चुके हैं।

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी सीनेट कमेटी को ब्रीफ करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को गृह युद्ध से बचने के लिए सत्ता में साझेदारी का सुझाव दिया है। पाकिस्तान अफगान सरकार में तालिबान की साझेदारी की हिमायत करता रहा है।

वहीं अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से कई इलाकों में तालिबान के खौफ से अफगान सुरक्षा बल के जवान जान बचाकर पड़ोसी देशों में भाग रहे हैं। ताजिकिस्तान के बाद अफगान सुरक्षा बल के जवान सीमा पार कर ईरान पहुंच रहे हैं।

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