बड़ी ख़बर : “साहब इ​तना बता दो मैं विधवा हूं या सुहागिन, कैसे कटेगी पहाड़ सी जिंदगी”

⏩ न्याय के लिए दर—दर भटक रही महिला का दुखड़ा सीएनई रिपोर्टर Disappeared : Car driver is missing, no clue till date बीते वर्ष संदिग्ध…

न्याय के लिए दर—दर भटक रही महिला का दुखड़ा

सीएनई रिपोर्टर

Disappeared : Car driver is missing, no clue till date

बीते वर्ष संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए टैक्सी चालक का घटना के 10 माह बीतने के बावजूद अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। लापता की पत्नी को यह तक नहीं पता कि वह अब विधवा है या सुहागन। उसके समक्ष अपने दो छोटे बच्चों के पालन—पोषण का बड़ा संकट भी आन पड़ा है। हालत यह है कि वह शासन—प्रशासन व जन प्रतिनिधियों की चौखटों में गुहार लगाते—लगाते थक चुकी है। महिला का पुलिस प्रशासन से सिर्फ इतना ही कहना है कि कम से कम उसे यह तो बता दें कि उसका पति जिंदा है या मुर्दा !

दरअसल, यह मामला जनपद पिथौरागढ़ की तहसील गंगोलीहाट के ग्राम सिमाली, पोस्ट गणाई गंगोली का है। घटनाक्रम के अनुसार स्थानीय निवासी संतोष मेहता पुत्र स्व. मोहन सिंह गत 10 अगस्त, 2021 को पिथौरागढ़ अपनी बलेनो कार लेकर गए थे। जिसके बाद वह गणाई गंगोली के लिए अपनी घर वापसी हेतु रवाना भी हुए। उनकी पत्नी प्रेमा का कहना है कि वापसी में वह कुछ समय के लिए थल रूके थे। रात करीब 10 से 11 बजे उनका मोबाइल से संपर्क कट गया और मोबाइल स्विच आफ आने लगा।

इधर लापता के भाई मनोज मेहता का कहना है कि थल से उनकी अपने भाई से अंतिम बार फोन पर बात भी हुई थी। इस दौरान उनके भाई संतोष ने बताया कि उसके साथ कार में तीन लोग भी हैं, जिनके नाम उसने बताए भी थे। जब अगले रोज तक संतोष का कुछ पता नहीं चला तो लापता के भाई मनोज, जो कि बीएसएफ में तैनात हैं की ओर से थल थाने में तीन लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी गई, जो कि उस भाई के लापता होने से पूर्व कार में थे। जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में 15 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज की, जिसमें तीन लोगों को नामजद भी किया गया था।

इधर लापता की पत्नी प्रेमा ने बताया कि इस बीच उनके पति की कार बरामद हो गई, लेकिन पति का कुछ पता नहीं चल पाया। उनका कहना है कि तब से लगातार वह थाने के चक्कर काटती रही, लेकिन पुलिस की ओर से केवल आश्वासन ही मिले। प्रेमा का कहना है कि वह अभागिन अब यह भी नहीं समझ पा रही है कि उसके पति जिंदा भी हैं या नहीं।

महिला की ओर से विधायक, गंगोलीहाट को भी एक ज्ञापन दिया गया है। जिसमें उसने कहा है कि उसकी उम्र महज 28 साल है और उसके 7 व 4 साल के दो छोटे—छोटे बच्चे भी हैं। उसकी यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह इस पहाड़ सी जिंदगी को कैसे गुजार पायेगी और कैसे अपने मासूम बच्चों की परवरिश कर पायेगी। उसने शासन—प्रशासन से यह गुहार लगाई है कम से कम उसके पति के जिंदा या मुर्दा होने के सबूत उसे दे दिये जायें। महिला ने बीए तक की पढ़ाई भी की है और यदि उसे कोई छोटी—मोटी नौकरी मिल जाये तो वह अपने बच्चों को पाल सकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *