हल्द्वानी न्यूज: किसान और संविधान एक तरफ हैं, मोदी सरकार और कॉरपोरेट घराने दूसरी तरफ:राजा बहुगुणा

हल्द्वानी। देश में चल रहे किसान आन्दोलन का भाकपा(माले) स्वागत और समर्थन करती है। इस आन्दोलन ने मोदी सरकार के अलोकतांत्रिक, कारपोरेट परस्त और जन…


हल्द्वानी। देश में चल रहे किसान आन्दोलन का भाकपा(माले) स्वागत और समर्थन करती है। इस आन्दोलन ने मोदी सरकार के अलोकतांत्रिक, कारपोरेट परस्त और जन विरोधी चेहरे के पूरी तरह बेनकाब कर दिया है। इस आन्दोलन में किसान और संविधान एक तरफ हैं और मोदी सरकार और कॉरपोरेट घराने दूसरी तरफ। आन्दोलन को क्षेत्र विशेष तक सीमित करने और उसके खिलाफ तमाम दुष्प्रचार करने की भाजपा की कोशिशों को आन्दोलन के पक्ष में बनी देशव्यापी एकजुटता के कारण मुंह की खानी पड़ी है। किसान आन्दोलन न केवल खेती-किसानी को कारपोरेट घरानों के हाथ देने के केंद्र सरकार के इरादे के खिलाफ है। बल्कि इस देश के तमाम लोकतान्त्रिक सवालों के प्रति उसका सकारात्मक एवं एकजुटता का रुख, स्वागत योग्य है। यह बात भाकपा(माले) की राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक के प्रारंभिक सत्र को संबोधित करते हुए पार्टी के उत्तराखंड राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कही।
राजा बहुगुणा ने कहा कि, एक तरफ मोदी कह रहे हैं कि संसद के बाहर और अन्दर संवाद जरुरी है और दूसरी तरफ देश के तमाम सवालों पर वे एकतरफा और अलोकतांत्रिक तरीके से अपने फैसले थोपते रहे हैं। जिस ऐतिहासिक किसान आन्दोलन के सामने केंद्र सरकार अलग-थलग पड़ गयी है,उसके मूल में जो कृषि कानून हैं,वे संसद में बिना संवाद और चर्चा के पास कराये गए थे.इसी तरह श्रम कानूनों को खत्म करने के मामले में भी संवादहीनता और मनमर्जी ही मोदी सरकार ने की.मोदी की संवाद शैली में केवल उनकी “मन की बात” है,जो सिर्फ एकालाप है और उस पर ही देश के खजाने का करोड़ों रूपया खर्च किया जा रहा है।
माले राज्य सचिव ने कहा कि, ष्इस देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए सड़कों के आन्दोलन ही कारगर हो सकते हैं।जब सरकार रक्षा,बीमा, स्वास्थ्य हवाई अड्डे,रेल आदि तमाम संसाधनों को बेचने पर उतारू है तो सड़क के संघर्ष के जरिये ही देश के संसाधनों और उन पर जनता के अधिकार को सुरक्षित रखा जा सकता है।
राजा बहुगुणा ने कहा कि, ष्उत्तराखंड में साढ़े तीन साल से अधिक के त्रिवेंद्र रावत के शासन ने सिद्ध कर दिया है कि उत्तराखंड को लेकर इस सरकार के पास कोई विजन नहीं है. रोजगार,शिक्षा, स्वास्थ्य आदि तमाम मोर्चों पर राज्य सरकार पूरी तरह विफल सिद्ध हुई है. सिर्फ शराब और खनन माफियाओं के हितों के सरकार को चिंता है और आम जनता की परेशानियों से सरकार का कोई सरोकार नहीं है.ष्
राज्य कमेटी की बैठक की शुरुआत किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों और जनसरोकारों से गहरी संवेदना से हमेशा जुड़े रहे प्रगतिशील मूल्यों के प्रतिनिधि कवि मंगलेश डबराल को एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई।
बैठक में पार्टी की सांगठनिक मजबूती, जनसंगठनों का विस्तार व उत्तराखंड का आगामी विधानसभा चुनाव मुख्य एजेंडे में हैं। जिन पर दो दिवसीय बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में इन्द्रेश मैखुरी, के.के. बोरा, आनंद सिंह नेगी, बहादुर सिंह जंगी, ललित मटियाली, मदन मोहन चमोली, एडवोकेट कैलाश जोशी, विमला रौथाण, अंकित ऊंचोली, डॉ कैलाश पाण्डेय आदि शामिल हैं।

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