आपदा से कुमाऊं में हुआ करोड़ों का नुकसान, 61 लोगों की मौत – कमिश्नर सुशील कुमार ने दी जानकारी

हल्द्वानी। बीते दिनों हुई भारी बारिश से आई आपदा के कारण कुमाऊं में 2000 करोड़ रूपए से अधिक की परिसंपत्तियों का नुकसान हुआ है। कुमाऊं…

हल्द्वानी। बीते दिनों हुई भारी बारिश से आई आपदा के कारण कुमाऊं में 2000 करोड़ रूपए से अधिक की परिसंपत्तियों का नुकसान हुआ है। कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार ने शुक्रवार को कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अब तक कुमाऊं मंडल में 61 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और चार लोग अभी भी लापता है।

उन्होंने बताया कि मंडल में दैवीय आपदा में 61 लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि 4 लोग अभी भी लापता है, जिनकी खोजबीन जारी है। जिला नैनीताल में 34, अल्मोड़ा में 6, चम्पावत में 11, बागेश्वर में 5, पिथौरागढ़ में 4 व उधम सिंह गनर में 1 व्यक्ति की आपदा से मौत हुई है।

उन्होंने बताया कि बाहरी राज्यों के मृतकों के शवों को उनके घरों को भेजने हेतु सम्बन्धित राज्य सरकारों से वार्ता हुई है, अभी तक बाहरी राज्यों के 5 व्यक्तियों के शवों को उनके घरों को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 36 बीमार एवं घायल व्यक्तियों को उपचार हेतु विभिन्न चिकित्सालयों में भेजा गया है।

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आपदा के दौरान 17 से 21 अक्टूबर तक मण्डल में वायु सेना के 7 व एक प्राईवेट हैलीकॉप्टर के माध्यम से 100 लोगों को दूरस्थ क्षेत्र गुंजी, जौली गांव, तेदांग, पिण्डारी से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसी तरह जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना के जवानों ने 816 लोगों का रेस्क्यू किया गया तथा विभिन्न सड़क मार्गों में फंसे 8315 लोगों, विभिन्न स्थानों पर फंसे 7880 पर्यटकों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। खबरें वही जो समय पर मिले, तो जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now

रेस्क्यू में एनडीआरएफ की 12, एसडीआरएफ की 10 टीमे, 1500 पुलिस के जवान, तीन यूनिट सेना जिसमें डोगरा, जैक्लाई व एयर ऑपरेशन टीमे शामिल हैं।

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आयुक्त सुशील ने बताया कि मण्डल के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में 15000 खाद्य किट वितरित किये गये हैं जबकि उधम सिंह नगर में 15 स्थानों पर लंगर चलाया जा रहा है जिसमें प्रभावितों को दो वक्त का भोजन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रामनगर के अलावा सभी जगह पेयजल सुचारू कर दिया गया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग खैरना-अल्मोड़ा, टनकपुर-चम्पावत मार्ग अभी बंद हैं जिन्हें खोलने के लिए त्वरित गति से कार्य किया जा रहा है, बाकि सारे एनएच खोल दिये गये है। उन्होंने बताया कि राज्य मार्ग भवाली-रामगढ़-क्वारब तथा भवाली-रामगढ़-शहरफाटक मार्ग खोल दिया गया है, जिससे पहाड़ी जनपदों का यातायात सुचारू हो गया है।

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