हल्द्वानी न्यूज: ये भगत जी, जो इतना घूम रहे हैं कोरोना प्रूफ हैं क्या!

हल्द्वानी। प्रदेश में इन दिनों कोरोना फीवर छाया हुआ है। बड़े बड़े घुमक्कड़ों के कदम जहां तहां थमे हुए हैं। लेकिन एक व्यक्ति है जो…

हल्द्वानी। प्रदेश में इन दिनों कोरोना फीवर छाया हुआ है। बड़े बड़े घुमक्कड़ों के कदम जहां तहां थमे हुए हैं। लेकिन एक व्यक्ति है जो इस दौरान भी लगातार घूम घूम रहा है। लोगों से मिल रहा है। जी हां हम किसी और की नहीं बल्कि सत्ताधारी भाजपा के सबसे बड़े कोरोना वारियर वंशीधर भगत की बात कर रहे हैं। लॉक डाउन के शुरुआती दो चरणों में जहां सरकार ने किसी भी व्यक्ति को इधर उधर जाने की इजाजत नहीं दी थी। ऐसे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का एक पैर प्रदेश की राजधानी में होता था और दूसरा अपने गृहक्षेत्र हल्द्वानी-कालाढूंगी में। यह वही समय था जब उधमसिंह नगर प्रशासन ने सितारगंज के एक गांव में खाना बांटने निकले कांग्रेस के सितारगंज के पूर्व विधायक नारायण पाल पर बिना अनुमति के दूसरे जिले में आने पर मुकदमा दर्ज कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस के ही तिलक राज बेहड़ पर एक गांव में घुसने पर मुकदमा ठोका गया। लेकिन वंशीधर भगत देहरादून जाते समय उधमसिंह नगर क्षेत्र से ही गुजरे होंगे उन पर किसी की नजर नहीं पड़ी। या फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रामनगर से गैरसैंण होते हुुए लंबे रास्ते से देहरादून पहुंचे होंगे लेकिन तब आरेंज जोन से ग्रीन जोन में उन्होंने एंट्री तो की ही होगी। तर्क यह भी होगा कि भगत का पास बनाया गया होगा। यह तर्क सही है। लेकिन भगत की आयु इतनी नहीं है कि उन्हें कोरोना के हमले की आशंका के दायरे से बाहर रखा जा सके।


कुद दिन दिन भगत शंत रहे और दो तीन से फिर सक्रिय हो गए है। कल वे नैनीताल में थे, और आज काशीपुर में। उनकी कुछ फोटोज भी हम पाठकों के सामने रख रहे हैं जो उनके ही शिष्यों ने सोशल मीडिया पर डाली है। इन फोटोज में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल दिख तो नहीं रहा है।
सवाल यह है कि जब केंद्र से लेकर राज्य सरकार कम से कम बच्चों व बुजुर्गों को घरों से बाहर निकलने की इजाजत ही नहीं दे रही है। ऐसे में 60प्लस के भगत को किस मेडिकल आधार पर लगातार घूमने के पास जारी किए जा रहे हैं।
भगत देहरादून-हल्द्वानी वाया यूपी या देहरादून हल्द्वानी वाया गैरसैंण भगत आते जाते हैं तो उन्हें क्वारेंटाइन किया गया ऐसा लगता तो नहीं है। यह अगर स्वास्थ्य विभाग की चूक हैं तो हम इतने बड़े नेता के प्रति स्वास्थ्य विभाग का यह लापरवाही पूर्ण तरीका निंदनीय है।


कोरोनाकाल में जब बेटों को अपने माता पिता की मुखाग्नि देने के लिए भी आने की इजाजत बामुश्किल मिल पा रही है। ऐसे में भगत को क्या आवश्यक कार्य पड़ गए कि वे इधर उधर घूम रहे हैं। हां फिलहाल मीडिया में जो तस्वीरें आ रही हैं उनके हिसाब से तो वे सीएम राहत कोष के लिए चेक लेते या सीएम को देते ही दिखाई पड़ रहे हैं। फोटो खिंचवाने के मोह में वे अपने चेहरे पर मास्क भी नहीं लगा रहे है। प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को इन चित्रों कसे स्वयं संज्ञान भी लेना चाहिए।
दरअसल हम किसी भी राजनैतिक पार्टी के समर्थन या खिलाफत में खड़े होने की बात नहीं कर रहे हम यह कहना चाहते हैं कि एक पार्टी के प्रदेश के सबसे बड़े नेता जब अपनी ही सरकार के नियमों की मखौल उड़ाएंगें तो आम जनता पर उसका अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता है। यह एक अदृश्य शक्ति से पूरे मानव समाज का युद्ध है। ऐसे में आप चेक लेने या देने के लिए इधर उधर घूमेंगे तो कोरोना आप को बख्शेगा नहीं। कोई भी व्यक्ति् कोरोना प्रूफ नहीं है ऐसे में माननीयों से आग्रह है कि जनता के सामने जनता की तरह व्यवहार करें वीआईपी कल्चर से जनता वैसे भी त्रस्त है।

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