अल्मोड़ा ब्रेकिंगः गांजा तस्करी मामले में तीन अभियुक्तों को 12-12 साल के कारावास और 1.20 लाख रुपये अर्थदंड की सजा, विशेष सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ायहां विशेष सत्र न्यायाधीश प्रदीप पन्त की अदालत ने गांजा तस्करी के एक मामले में लिप्त तीन अभियुक्तों को 12-12 साल की सजा…

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सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
यहां विशेष सत्र न्यायाधीश प्रदीप पन्त की अदालत ने गांजा तस्करी के एक मामले में लिप्त तीन अभियुक्तों को 12-12 साल की सजा और प्रत्येक को 1.20 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने पैरवी की।
मामला 15 मार्च, 2019 का है। जिसके अनुसार अल्मोड़ा जनपद के थाना चैखुटिया अंतर्गत पुलिस अगनेरी मंदिर के निकट झूला पुल पर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी बीच जौरासी की ओर से एक स्विफ्ट डिजायर कार संख्या यूके 04टीए-6973 को रोक कर चेक किया, तो वाहन में चालक के अलावा दो अन्य व्यक्ति कार में बैठे मिले। वाहन की चेकिंग में पुलिस को वाहन की डिग्गी में तीन प्लास्टिक के कट्टे और दो बोरे भरे मिले। जिनमें गांजा भरा था। सभी कट्टों व बोरों में 46 किलो 86 ग्राम गांजा निकला था। इसी मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई कर पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। विवेचनाधिकारी ने विवेचना पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
इस मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायाधीश, अल्मोड़ा के न्यायालय में चला। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 7 गवाह न्यायालय में परीक्षित कराए गए तथाा अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने पैरवी की। श्री कैड़ा ने मामले पर न्यायालय को बताया कि अभियुक्तों से अवैध गांजा बरामद हुआ है और अभियुक्तगणों द्वारा अवैध रूप से गांजे का कारोबार किया जा रहा है। मामले पर दस्तावेजी साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किये गए। विशेष सत्र न्यायाधीश, अल्मोड़ा ने दस्तावेजी साक्ष्यों एवं पत्रावली का परीशीलन करते हुए सजा सुनाई है। मामले में पहला अभियुक्त राकेश कुमार पुत्र हरकेश, निवासी आर्यनगर, काशीपुर, उधमसिंहनगर, दूसरा अभियुक्त लेखराज पुत्र महावीर, निवासी कुदयौवाला, थाना कुण्डा, उधमसिंहनगर एवं तीसरा अभियुक्त यशपाल यादव पुत्र विजयपाल, निवासी ठाकुरद्वारा, गुरादाबाद, उत्तर प्रदेश है। न्यायालय ने प्रत्येक अभियुक्त को एनडीपीएस एक्ट के तहत 12 साल की सजा और 1.20 लाख रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने की दशा में एक वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया है।

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