​प्रेरणादायी: तीन ‘लालों’ ने बढ़ाई बागेश्वर के तीन गांवों की शान

— दो युवा बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट, एक आसाम रायफल में असिस्टेंट कमांडेंट सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर बागेश्वर के तीन गांवों की आज शान बढ़ी…

— दो युवा बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट, एक आसाम रायफल में असिस्टेंट कमांडेंट

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर

बागेश्वर के तीन गांवों की आज शान बढ़ी है और इन गांवों में आज खुशी की लहर है। वजह है कि एक गांव का युवा आसाम रायफल में असिस्टेंट कमांडेंट बनकर नाम कमाया है, तो वहीं दो गांवों के लाल सफलतापूर्वक पासिंग आउट परेड पास करते हुए भारतीय सेना में कमांडेंट बन गए हैं।

नदीगांव के विवेक बने लेफ्टिनेंट (Vivek became lieutenant of Nadigaon)

बागेश्वर जिले के नदीगांव निवासी विवेक सिंह परिहार भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। इससे उनके गांव में खुशी का माहौल है। उनके पिता आनंद सिंह परिहार 4 कुमाऊं रजीमेंट से सेवानिवृत्त हैं। उनकी प्राथमिक शिक्षा सेंट एडम्स गरुड़ और इंटरमीडिएट कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल कठायतबाड़ा से हुई।
लेफ्टिनेंट परिहार ने बताया कि वह अपने पिता के साथ 30 किमी दूर गरुड़ पढ़ने जाते थे और वर्ष 2012 में इंटर पास हुए। वर्ष 2013 में सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हो गए। वहां कंपनी कमांडर मेजर सागर देश पांडे के संपर्क में आए। उन्होंने अफसर बनने को प्रेरित किया। होम वर्क कराया और वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, रिश्तेदारों के साथ ही मेजर सागर देश पांडे को देते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने एसीपी का पेपर दिया और पूरी मेहनत की। वर्ष 2018 में 5वीं रेंक मिली। जवाहर लाल विश्वविद्यालय दिल्ली से स्नातक किया। उनके भाई हंसराज परिहार भी सेना में तैनात हैं। उनकी माता मोहिनी परिहार गृहणी हैं। उन्हें ग्रेनेड ईयर नाथुला, सिक्किम, चाइन बार्डर में तैनाती मिली है।

गुरना के अनुराग लेफ्टिनेंट बने (Gurna’s Anurag became lieutenant)

गुरना गांव के अनुराग बिष्ट।

बागेश्वर जिले के कांडा तहसील के ग्राम गुरना निवासी अनुराग बिष्ट भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। उन्होंने 2018 में एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण की। शनिवार को देहरादून में आयोजित पासिंग परेड में लेफ्टिनेंट बने। उनकी पठन-पाठन देहरादून से हुआ। उन्होंने एनडीए की परीक्षा पहले प्रयास में सफलता पाई। उनके पिता गजेंद्र सिंह बिष्ट सेना से सेवानिवृत्त हैं। अनुराग ने अपनी सफलता का श्रेय माता मीरा बिष्ट को दिया है। उनके मामा डा. हरीश दफौटी ने बताया कि अनुराग बचपन से ही मेधावी था। वह अपने गांव का पहला सेना अधिकारी बना है। उसकी सफलता पर एडवोकेट राजेश रौतेला ने खुशी व्यक्त की है।

भैसूड़ी के प्रकाश अब असिस्टेंट कमांडेंट (Prakash of Bhaisudi now assistant commandant)

भैसूड़ी—टकनार गांव के प्रकाश सिंह मेहरा।

कांडा तहसील के भैसूड़ी-टकनार गांव निवासी प्रकाश सिंह मेहरा वर्ष 2006 में हवलदार क्लर्क के पद पर आसाम राइफल्स में भर्ती हुए। 16 वर्ष बाद उन्होंने आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी गया से कमिशन प्राप्त किया। शनिवार को गया में पासिंग आउट परेड के बाद वह असिस्टेंट कमांडेंट बन गए हैं। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय भैसूड़ी से प्राप्त की। आसाम राइफल्स में मणीपुर में तैनात हरीश सिंह मेहरा के पुत्र प्रकाश ने हाईस्कूल मणिपुर एवं इंटर की परीक्षा मेघालय से पास की। पिता सूबेदार पद से वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त हो गए। पासिंग आउट परेड के दौरान उनके पिता हरीश मेहरा, माता कौशल्या देवी, पत्नी प्रीति मेहरा और बेटी तनिष्का, पूर्वी और प्रियांशी उपस्थित रहे। मेहरा ने बताया कि इस सफलता के लिए दिन—रात मेहनत की। वह बागेश्वर के एक पिछड़े गांव से आते हैं। उनकी कामयाबी पर कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, विधायक सुरेश गढ़िया, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, पूर्व दर्जा मंत्री राजेंद्र टंगड़िया आदि ने खुशी व्यक्त की है।

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