CNE REPORTER DEHRADUN
अपराध की दुनिया भी बड़ी जटिल है। किसी छोटे-मोटे अपराध को अंजाम देने वाला यदि बच्चा हो तो पुलिस कर्मी भी बेबस हो जाते हैं। बच्चे कभी-कभार भूलवश भी कुछ गलत कर बैठते हैं, इन्हें पुलिस की फटकार की नही, बल्कि काउंसलिंग की जरूरत होती है। इन्हीं सब बातों को लेकर उत्तराखंड में अब कुछ नया होने जा रहा है। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मुहिम रंग लाई है। देहरादून के डानलवाला में अब बच्चों का थाना अब तैयार है। इसका उद्घाटन जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत करेंगे। आपको बता दें कि इस थाने में ऐसे नाबालिग काउंसलिंग के लिए आयेंगे, जिन्होंने कोई ऐसा काम किया है, जो अपराध की श्रेणी में आता है। नाबालिग पुलिस की वर्दी से डरें नही, बल्कि उन्हें अपना मित्र समझें यह कोशिस इस थाने में की गई है। जिसके लिए यहां बकायदा एक खास किस्म का रूम भी बनकर तैयार है। यहां बच्चों को खिलौने व काॅमिक्स मिलेंगी। साथ ही दीवारों पर छोटा भीम, डोरेमान जैसे कार्टून बनाये गये हैं। पुलिस कर्मी यहां सादी वर्दी में रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर आयोग व अस्पतालों से भी काउंसलर बुलाये जायेंगे। यहां उन बच्चों की भी काउंसलिंग होगी, जो किन्ही कारणों से घर से भाग कर गुमशुदा हो जाते हैं। पुलिस उन्हें वापस घर भेजने के लिए बड़े ही स्वस्थ माहौल में उनकी भी काउंसलिंग करेगी। देखना यह है कि इस तरह के बाल थाने कितने कारगर होंगे और भविष्य में उत्तराखंड के किन-किन जनपदों में यह खुल सकते हैं।
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