खास ख़बर : विधानसभा उपचुनाव सल्ट, भाजपा और कांग्रेस में टिकट के लिये रस्साकस्सी शुरू

रानीखेत से आनन्द नेगी की रिपोर्टसल्ट में विधानसभा उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के अन्दर भावी उम्मीदवारों…

रानीखेत से आनन्द नेगी की रिपोर्ट
सल्ट में विधानसभा उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के अन्दर भावी उम्मीदवारों को लेकर कयासों और चर्चाओं का दौर आरम्भ हो गया है। दोनों ही दलों के प्रमुख दावेदार इसके लिये अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिस करने लगे हैं। भाजपा की ओर से स्वर्गीय विधायक सुरेन्द्र जीना के परिवार से किसी व्यक्ति को टिकट दिलाने के लिये उनके समर्थक प्रयासरत हैं तो सल्ट से एक बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना दम-खम दिखा चुके दिनेश माहरा की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। काशीपुर के एक अस्पताल संचालक को भी भाजपा से दावेदार बताया जा रहा है। कांग्रेस से पार्टी की पूर्व प्रत्याशी श्रीमती गंगा पंचोली तथा सल्ट के ब्लाक प्रमुख और युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम रावत को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। उक्रांद और परिवर्तन पार्टी भी इस उपचुनाव में ताल ठोंकने का मन बना चुके हैं।
सल्ट के भाजपा विधायक सुरेन्द्र जीना का पिछले दिनों कोरोना के कारण निधन हो गया। इससे पूर्व उनकी पत्नी की भी दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो चुकी थी। जीना के निधन से खाली हुई सीट पर शीघ्र ही चुनाव होना है। इसका कार्यक्रम अभी तक चुनाव आयोग ने तय नहीं किया है, लेकिन फरवरी तक हर हालत में पूरी प्रक्रिया सम्पन्न हो जाने की उम्मीद है। आसन्न चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस और भाजपा के प्रमुख दावेदारों ने अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने की कवायद आरभ्भ कर दी है। इसके लिये पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ ही जनता और संगठन में पकड़ रखने वाले कार्यकर्ताओं को भी साधने के प्रयास शुरू हो गये हैं। जनप्रतिनिधि की मृत्यु के बाद उप चुनाव में सहानुभूति फैक्टर को देखते हुये पार्टियां उसके परिजनों पर ही दांव खेलती रही हैं। आम तौर पर इसका लाभ भी मिलता है। हालांकि सुरेन्द्र जीना की पत्नी का निधन हो चुका है, और दोनों पुत्र अभी पढाई कर रहे हैं। लेकिन जीना के समर्थक उनके परिवार से ही किसी व्यक्ति को टिकट मिलने की उम्मीद जता रहे हैं। इसके लिये उनके बड़े भाई या भतीजे को दावेदार बताया जा रहा है। जीना का परिवार दिल्ली में रहता है। उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने अभी तक प्रत्यक्ष तौर पर क्षेत्र में चुनावी सक्रियता नहीं दिखाई है। लेकिन अभी समय है, और टिकट तय होने तक इन्तजार करना होगा। सल्ट क्षेत्र में भाजपा की ओर से दिनेश माहरा को भी प्रबल दावेदार बताया जा रहा है। मृदुभाषी और सरल स्वभाव के दिनेश माहरा 2007 के विधान सभा चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरे थे, वह कांग्रेस का स्वर्णिम दौर था, कांग्रेस के रणजीत रावत की लोक प्रियता शिखर पर थी। ऐसे वक्त में भी दिनेश माहरा ने आठ हजार से अधिक मत लेकर भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को पीछे छोड़ दिया था और वह दूसरे नम्बर पर रहे थे। काशीपुर में निजी अस्पताल के संचालक सल्ट मूल के यशपाल रावत ने गत दिनों देहरादून में पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष के सम्मुख भाजपा की सदस्यता ली, उनके इस कदम को भी सल्ट से उनकी दावेदारी के रूप में देखा जा रहा है। इधर कांग्रेस के अन्दर भी इस उपचुनाव को लेकर भारी सरगर्मियां हैं। कांग्रेस की तरफ से स्याल्दे की पूर्व प्रमुख श्रीमती गंगा पंचोली और सल्ट के ब्लाक प्रमुख विक्रम रावत सहित कई लोगों के नाम चर्चा में हैं। पेशे से अध्यापक गंगा पंचोली पिछली बार कांग्रेस की उम्मीदवार थी। उन्होंने तब भाजपा के सुरेन्द्र जीना को कड़ी टक्कर दी थी। विक्रम रावत पूर्व विधायक रणजीत रावत के पुत्र हैं। वर्तमान में वह युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा सल्ट के ब्लाक प्रमुख हैं, विक्रम के समर्थकों का कहना है कि प्रमुख के नाते लोगों के बीच उनकी गहरी पैठ है। इसके साथ ही सल्ट ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष शंभूदयाल रावत, अर्जुन सिंह बिष्ट और वरिष्ठ नेता सोबन सिंह बोरा को भी दावेदार बताया जा रहा है। शंभूदयाल रावत के अनुसार शीघ्र ही सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके उनकी राय लेकर हाईकमान को भेजी जायेगी। पार्टी का जो भी फैसला होगा, उसी के अनुसार काम किया जायेगा। इधर उत्तराखण्ड क्रांति दल इस चुनाव में पूरे दमखम के साथ उतरने की तैयारी कर रहा है। दल के पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी का कहना है राष्ट्रीय दलों की पहाड़ विरोधी नीतियों को मुद्दा बनाकर उक्रांद पूरी ताकत के साथ जनता के बीच जायेगा। उक्रांद से स्याल्दे निवासी पूर्व विधायक स्व. जसवन्त सिंह बिष्ट के पौत्र और युवा अधिवक्ता राकेश बिष्ट, दिल्ली में गत विधान सभा चुनाव लड़ चुके रणजीत गड़ाकोटी, स्याल्दे मूल के अधिवक्ता विजय बौड़ाई और हाल ही में उक्रांद में आये राकेश नाथ में से किसी एक को टिकट मिलने की सम्भावना है। उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि दल इस चुनाव में भागीदारी करेगा।

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