बिग ब्रेकिंग उत्तराखंड : फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी कर रहीं दो शिक्षिकाएं निलंबित

सीएनई रिपोर्टर, पौड़ी यहां पौड़ी गढ़वाल के एक प्राथमिक विद्यालय में फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी कर रही दो महिला शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया…

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सीएनई रिपोर्टर, पौड़ी

यहां पौड़ी गढ़वाल के एक प्राथमिक विद्यालय में फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी कर रही दो महिला शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया गया है। वहीं महिला प्रधानाचार्या के दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक शिक्षा विभाग में चल रहे फर्जीवाड़े के खिलाफ शिक्षा अधिकारी ने जब जांच शुरू की तो कई असंगत मामले प्रकाश में आये हैं। जिन शिक्षिकाओं का निलंबन किया गया है उनमें सहायक अध्यापिका अनीता कुमारी और संगीता टम्टा शामिल हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक कुंवर सिंह रावत ने मीडिया को बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडपानी कल्जीखाल में कार्यरत शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की गई। यहां कार्यरत सहायक अध्यापिका संगीता टमटा के शैक्षिक प्रमाण पत्र संदिग्ध प्रतीत हुए। जांच में पाया गया कि इनकी बीएड की डिग्री चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की है। अतएव संबंधित डिग्री मेरठ भेजी गई। वहां से यह जवाब आया कि उक्त नाम के कोई भी अभिलेख और अनुक्रमांक विश्वविद्यालय में दर्ज नहीं हैं। अतएव तत्काल शिक्षिका के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई अमल में लाई गई। उन्होंने बताया कि शिक्षिका को जब अपना पक्ष रखने को कहा गया तो वह कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाईं।

डीईओ रावत ने बताया कि वहीं राजकीय उच्चतर माध्यमि​क विद्यालय झटरी दुगड्डा ब्लॉक में सेवारत सहायक अध्यापिका अनीता कुमारी के हाईस्कूल का प्रमाणपत्र प्रथम दृष्टया संदिग्ध लगा। अतएव संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य को सत्यापन के लिए पत्र भेजा गया। प्रधानाचार्य ने बताया कि उक्त नाम व अनुक्रमांक से जुड़ा उनके विद्यालय में हाईस्कूल का कोई भी छात्र-छात्रा पंजीकृत ही नहीं है। उक्त नाम का विद्यालय के पास कोई भी अभिलेख नहीं है। यह शिक्षिका भी अपना पक्ष्ज्ञ नहीं प्रस्तुत कर पाई। अतएव दोनों मामलों में शिक्षिकाओं के निलंबन की कार्रवाई अमल में लाई गई।

इस विषय में संबंधित ब्लॉक के बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच सौंप दी गई है। वहीं यमकेश्वर ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय फल्दाकोट में सेवारत प्रधानाचार्या की जन्मतिथि हाईस्कूल के प्रमाणपत्र व टीसी में अलग-अलग दर्ज मिली। प्रधानाचार्य की जन्मतिथि सत्यापन को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश को पत्र भेजा गया है। उत्तर आने पर अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। फिलहाल यह मामला शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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