सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर में मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों की खिलाफत में चल रहे आंदोलन में उत्तराखंड से परिविर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने अपने साथी जन आंदोलनकारियों के साथ भागीदारी की और उन्हें आंदोलनकारियों को उत्तराखंड से लाया पवित्र जल भेंट कर आंदोलन में भागीदारी करने का ऐलान किया। उत्तराखंड के प्रखर राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी, काशीपुर से किसान नेता अवतार सिंह, चिपको, नशा नहीं रोजगार दो और नानीसार जैसे जन आंदोलन के नेतृत्वकारी पी. सी. तिवारी ने गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले ढाई माह से बैठे किसानों, किसान नेताओं से मुलाकात कर उन्हें उत्तराखंड का जल भेंट कर आंदोलन से अपनी एकजुटता जाहिर की। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के मंच पर आंदोलन के प्रखर चर्चित नेता राकेश टिकैत एवं उनके साथियों ने उत्तराखंड की पहल का स्वागत किया। इसके बाद आंदोलन के मंच से उत्तराखंडी नेताओं ने अपने संबोधन में केंद्र की मोदी सरकार पर अंबानी अडानी जैसे पूंजीपतियों के हित में लाए जा रहे इन काले कानूनों का विरोध करते हुए उन्हें वापस लेने की मांग की और प्रधानमंत्री द्वारा संसद में आंदोलनकारियों को परजीवी कहने की तीव्र भर्त्सना करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री की भाषा उनकी घटिया सोच व तंग ख्यालाती बौखलाहट का प्रतीक है, जिससे प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम हुई है। तिवारी एवं प्रभात ध्यानी ने कहा कि किसान आंदोलन के दमन की साजिश बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने तीनों काले कृषि कानून वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी लेने की मांग की।