उत्तराखंड: गिरफ्तार हुआ जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह,खोले कई अहम राज

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में उत्तराखंड एसटीएफ (Uttarakhand STF) ने उत्तरकाशी जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को गिरफ्तार कर…

उत्तराखंड: गिरफ्तार हुआ जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह,खोले कई अहम राज

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में उत्तराखंड एसटीएफ (Uttarakhand STF) ने उत्तरकाशी जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में अबतक ये 18वीं गिरफ्तारी है। इससे पहले शनिवार की शाम को एसटीएफ ने हाकम सिंह को हिरासत में लिया था।

आपको बता दें कि, शनिवार को ही एसटीएफ ने शासकीय इंटरमीडिएट कॉलेज नेटवाड, मोरी जनपद उत्तरकाशी में शिक्षक तनुज शर्मा निवासी रायपुर को भी गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसने पुलिस हिरासत में कई राज खोले। तनुज शर्मा से की गई पूछताछ एवं विवेचना के दौरान मिले अहम साक्ष्यों के आधार पर प्रश्न पत्र लीक कराने में मुख्य भूमिका हाकम सिंह रावत पुत्र केदार सिंह रावत जिला पंचायत सदस्य जखोल की भूमिका प्रकाश में आई थी।

गहन पूछताछ के बाद हाकम सिंह रावत गिरफ्तार

विवेचना के दौरान हाकम सिंह रावत की तलाश में एसटीएफ टीम रवाना हुई थी इसी दौरान सूचना प्राप्त हुई थी कि हाकम सिंह रावत अपनी एक इनोवा से त्यूणी के रास्ते हिमाचल फरार हो रहा है इसकी सूचना तुरंत बॉर्डर पर नाकेबंदी करवाई गई एवं स्थानीय पुलिस के माध्यम से त्यूणी आराकोट मार्ग पर रुकवा दिया गया जिसे एसटीएफ टीम द्वारा अपने साथ पूछताछ के लिए देहरादून एसटीएफ कार्यालय लाया गया। गहन पूछताछ करने के बाद साक्ष्यों के आधार पर आज उत्तरकाशी जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।

हाकम सिंह ने पूछताछ में बताया….

हाकम सिंह जिला पंचायत सदस्य द्वारा अपनी पूछताछ में बताया गया कि वह वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य जखोल एवं इससे पूर्व वर्ष 2008 से वर्ष 2013 तक ग्राम प्रधान लीवाड़ी रहा है। वर्ष 2021 का स्नातक स्तरीय प्रश्नपत्र को लीक करवाने में इसकी अहम भूमिका थी। हाकम सिंह ने पूछताछ मे उत्तर प्रदेश के रहने वाले कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी दी है एवं उत्तर प्रदेश के धामपुर शहर में ही उसने अपने कई कैंडिडेट को ले जाकर यह प्रश्न पत्र याद करवाया था।

गिरफ्तार तनुज शर्मा के घर पर याद कराया था पेपर

गिरफ्तार अभियुक्त तनुज शर्मा के घर पर भी करीब 20 से 22 लड़कों को यह प्रश्न पत्र परीक्षा से एक रात पहले भी याद करवाया गया था। हाकम सिंह रावत 4 दिसंबर 2021 को कुछ छात्रों को दो वाहनों में लेकर धामपुर गया था जिसमें गिरफ्तार अभियुक्त तनुज शर्मा भी था। हाकम सिंह रावत की गहन पूछताछ में कुछ अन्य के नाम प्रकाश में आए हैं जिनकी तलाश के लिए टीमें रवाना कर दी गई है।

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया, 18वां आरोपी गिरफ्तार हुआ है। हम सभी सुरागों का अनुसरण कर रहे हैं, गवाहों को ढूंढ रहे हैं कि कागज कैसे प्रसारित किया गया था। निकट भविष्य में और गिरफ्तारियां संभव हैं। हम उन छात्रों से भी अपील करते हैं, जिन्होंने लीक पेपर का इस्तेमाल किया, वे आगे आए और अपनी गलती स्वीकार करें।

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शुक्रवार को एक और अपर निजी सचिव गिरफ्तार हुआ था

बता दें, इससे पहले शुक्रवार को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने सचिवालय के एक और अपर निजी सचिव को गिरफ्तार कर किया था। आरोप है कि न्याय विभाग में कार्यरत अपर निजी सचिव ने दो अभ्यर्थियों को पेपर उपलब्ध कराया था। इसके एवज में अभ्यर्थियों से 18-18 लाख रुपये में सौदा किया था।

अब तक 18 लोग गिरफ्तार – अभियुक्तों के नाम

1- शूरवीर सिंह चौहान
2- कुलवीर सिंह (स्वामी डेल्टा कोचिंग सेन्टर करनपुर देहरादून)
3- मनोज जोशी पीआरडी (पीआरडी पूर्व कर्मचारी UKSSSC रायपुर देहरादून)
4- गौरव नेगी
5- जयजीत दास (प्रोग्रामर, प्रिंटिंग प्रेस लखनऊ यूपी)
6- मनोज जोशी कनिष्ठ सहायक (कनिष्ठ सहायक सितारगंज न्यायालय ऊधमसिंहनगर)
7- अभिषेक वर्मा (कर्मचारी प्रिंटिंग प्रेस लखनऊ यूपी)
8- दीपक चौहान (मेडिकल यूनिवर्सिटी हे.न.ब. सेलाकुई में संविदा कर्मचारी)
9- भावेश जगूडी (मेडिकल यूनिवर्सिटी हे.न.ब. सेलाकुई में संविदा कर्मचारी)
10- दीपक शर्मा
11- अमरीष कुमार (उत्तराखण्ड पुलिस आरक्षी ऊधमसिंहनगर में नियुक्त)
12- महेन्द्र चौहान (कनिष्ठ सहायक नैनीताल न्यायालय में)
13- हिमांशु काण्डपाल (कनिष्ठ सहायक रामनगर न्यायालय में)
14- तुशार चौहान
15- गौरव चौहान (अपर निजी सचिव, सचिवालय उत्तराखण्ड)
16- सूर्य प्रताप (निजी सचिव सचिवालय उत्तराखण्ड)
17- उत्तरकाशी में तैनात शिक्षक तनुज शर्मा निवासी रायपुर
18- उत्तरकाशी जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत

ये है मामला…

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने स्नातक स्तरीय परीक्षा गत वर्ष दिसंबर में कराई थी। इसके बाद से ही लगातार इसमें धांधली की बात सामने आ रही थी। बीती 22 जुलाई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। तब इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इसके बाद से ही एसटीएफ कड़ियां जोड़कर पूरे मामले की जांच में जुटी है।

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