हल्द्वानी। कभी देश की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन होने का दावा करने वाली इंडियन नैशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस यानी राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस अर्थात इंटक अब असली और नकली के पेंच में जा फंसी है। नई बात यह है कि दूसरे प्रदेशों से होते हुए नेताओं की यह जंग अब उत्तराखंड में भी आ पहुुुंची है। अपनी इंटक को असली बता रहे यह नेता एक दूसरे पर मुकदमे करने की धमकियां भी दे रहे हैं। असली इंटक की पहचान कैसे हो यह न तो मीडिया ही समझ पा रहा है और न ही वह मजदूर जो इंटक पर विश्वास किया करता था। यह भी सच है कि कुछ प्रदेशों में इंटक पर कब्जे की जंग अदालतों में चल रही है। अब तक उत्तराखंड इस आपाधापी से मुक्त था लेकिन दो दिन से यहां भी इंटक की खींचतान धरातल पर आ गई दिख रही है। दरअसल दो दिन पहले हमने ही एक नियुक्तिपत्र के आधार पर आपको बताया था कि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जायसवाल ने हल्द्वानी के कांग्रेसी नेता रमेश गोस्वामी को युवा इंटक का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह खबर कुछ समाचारपत्रों में भी प्रकाशित हुई।
इसके अगले ही दिन इंटक के पदाधिकारियों की ओर से हमें शिकायतें मिलने लगीं कि जिस इंटक के नियुक्ति पत्र का हवाला खबर में दिया गया है वह असली नहीं है। जबकि असली इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट और युवा इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हल्द्वानी निवासी लवेंद्र सिंह चिलवाल है। अपने दावे के पक्ष में आज हमें एक स्पष्टीकरण भी भेजा गया जो इंटक के सचिव पीजे राजू की ओर से जारी किया गया था। जिसमें साफ लिखा गया है कि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. जी संजीवारेड्डी हैं। उनका रजिस्टर्ड कार्यालय श्रमिक केंद्र, 4— ई वीर सिंह मार्ग,नई दिल्ली है। साथ ही कहा गया है कि इंटक का कोई एडमिनेस्ट्रेशन आफिस या कैंप कार्यालय नहीं है। जबकि रमेश गोस्वामी के नियक्तिपत्र के लेटर हेड पर इंटक का मुख्यालय श्रमिक केंद्र, 4—भाई वीर सिंह मार्ग नई दिल्ली ही लिखा गया था। बल्कि उसके साथ ही एडमिन आफिस 38/1 ग्राउंड फ्लोर , मनोहर कुंज, गौतमनगर नई दिल्ली लिखा गया था।
संजीवा रेड्डी की इंटक की ओर से आज जारी स्पष्टीकरण में लिखा गया है कि 17 मार्च 2019 को इंटक के चुनावों में बाद डा. जी संजीवा रेड्डी को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। पत्र के अनुसार जी. संजीवा रेड्डी को ही किसी भी नियुक्ति करने या पुरानी नियक्ति को रद करने का अधिकार है।और उन्होंने उत्तराखंड में ऐसा अभी नहीं किया है। इसलिए हीरा सिंह बिष्ट की इंटक के प्रदेश अध्यक्ष और लवेंद्र सिंह चिलवाल ही युवा इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
दूसरी ओर स्वामीनाथ जायसवाल वाली इंटक की ओर से दावा किया गया है कि इंटक कांग्रेस का फ्रंटल श्रमिक संगठन है। इसलिए उनके लेटर पैड पर कांग्रेस का चुनाव चिह्न भी अंकित है। जो जी. संजीवा रेड्डी वाली इंटक के लेटरपेड पर नहीं दिखाई पड़ा। एक और बात रमेश गोस्वामी के नियुक्ति पत्र की प्रतिलिपि एआईसीसी की अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व एआईसीसी अध्यक्ष राहुल गांधी आदि को भी प्रेषित की गई दर्शायी गई है।
दोनों के लेटरपेड पर इंटक की अलग अलग वेबसाईट अंकित है। स्वामीनाथ वाले लेटर पेड पर उसका वेब पता डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इंटक.ओआरजी लिखा है जबकि संजीवा रेड्डी वाली इंटक के लेटर पेड पर उकसा वेब पता डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इंटक.नेट अंकित है। संजीवा रेड्डी वाली इंटक के लेटर पैड पर कांग्रेस की कोई झलक नहीं दिखती, जबकि जायसवाल वाली इंटक का लेटर पेड कांग्रेस के झंडे के रंग से बनाया गया है।
अब कौन सी इंटक असली है और कौन सी नकली है यह तो कांग्रेस के नेता ही बता सकते हैं। हालांकि सर्व विदित है कि इंटक कांग्रेस का फ्रंटल संगठन है और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के पास ही इस पहेली का जवाब होगा। फिलहाल तो मजदूर अपने हितों के लिए संघर्ष करने का दम भरने वाले इस संगठन के नेताओं की खींचतान को चुपचाप देखने के लिए ही मजबूर हैं।यहां हम अपने पाठकों के लिए दोनों ही इंटकों के पत्रों को प्रस्तुत कर रहे हैं।
जायसवाल वाली इंटक का नियुक्ति पत्र
संजीवा रेड्डी वाली इंटक का स्पष्टीकरण
1- https://www.inc.in/en/congress-working-.
committee/special-invitees
2- https://www.inc.in/en/intuc
Please check Above Links after that talk to Mr Venugopal ,General Secretary,Congress Party,Delhi Office.then the truth will come out.After that when u will satisfied Please Publish Truth About INTUC….
If U Will not satisfied Please check Official Website of ILO ok sir.
Thanks & Regards
Lovey Chilwal
Mob no -9927087006
[email protected]