Uttarakhand : दिवाली अवकाश के बाद नहीं खोला स्कूल, 4 शिक्षक निलंबित

उत्तरकाशी| दीपावली अवकाश के बाद स्कूल खुलने पर विद्यालय न पहुंचने वाले चार शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ने निलंबित कर दिया है। ये…

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उत्तरकाशी| दीपावली अवकाश के बाद स्कूल खुलने पर विद्यालय न पहुंचने वाले चार शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ने निलंबित कर दिया है। ये शिक्षक उत्तरकाशी जनपद के डुंडा ब्लॉक स्थित जूनियर हाई स्कूल जेमर में तैनात थे।

इन शिक्षकों में प्रधानाध्यापक दुर्गा लाल खनेटी, गंगेश्वर परमार, सुशीला बहुगुणा और दिनेश चमोली शामिल हैं। इन शिक्षकों की विद्यालय में न पहुंचने के कारण 29 अक्टूबर को विद्यालय में अध्यनरत 20 छात्र-छात्राएं अर्धवार्षिक परीक्षा से वंचित रहे।

जिला शिक्षा अधिकारी पदमेंद्र सकलानी ने बताया कि चारों शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप है। चारों शिक्षकों को निलंबित किया गया है तथा अलग-अलग ब्लॉकों के ब्लॉक शिक्षा कार्यालय में अटैच किया गया है। इसके साथ ही इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी से नेतृत्व में गठित टीम से करवाई जा रही है।

पेपर देने से वंचित रहे 20 छात्र

इससे पहले दीपावली का अवकाश समाप्त होने के बाद भी जूनियर हाईस्कूल जेमर के ताले न खुलने का मामला तूल पकड़ गया था। स्कूल में तैनात प्रधानाध्यापक सहित चार शिक्षकों के विरुद्ध अभिभावकों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों में आक्रोश था। डुंडा के ब्लाक प्रमुख शैलेंद्र सिंह कोहली ने जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला से इस संबंध में वार्ता की तथा जिम्मेदार शिक्षकों को निलंबित करने की मांग की थी।

दरअसल डुंडा ब्लाक के अंतर्गत ब्रह्मखाल के निकट सुगम क्षेत्र में आने वाला जूनियर हाईस्कूल जेमर में 28 और 29 अक्टूबर को ताले नहीं खुले। विद्यालय में तैनात चार शिक्षकों में से एक भी शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचा। जिसके कारण 29 अक्टूबर को प्रस्तावित अर्द्धवार्षिक परीक्षा में कक्षा छह, सात और आठ का अंग्रेजी और संगीत का पेपर नहीं हो पाया।

जेमर गांव की प्रधान रोशनी देवी ने कहा कि जूनियर हाईस्कूल में 20 बच्चे अध्ययनरत हैं। पर्याप्त शिक्षक होने के बाद भी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था सही नहीं है। जिसके कारण ग्रामीण अपने बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूलों में करा रहे हैं। कुछ वर्ष पहले विद्यालय में तीन कंप्यूटर भी आए थे। जो अभी तक खोले नहीं गए। गत शनिवार को अर्द्धवार्षिक परीक्षा का पेपर था। सभी बच्चे स्कूल पहुंचे। परंतु विद्यालय का ताला नहीं खुला।

सूचना पर अभिभावक स्कूल में पहुंचे। इसी बीच एक शिक्षिका भी आई। परंतु उसके पास स्कूल की चाबी नहीं थी। जिसके बाद अभिभावकों ने मुख्य गेट पर ताला मार दिया। वहीं प्रधानाध्यापक दुर्गा प्रसाद खनेड़ी ने बताया कि 28 अक्टूबर को मेरे भाई का निधन हुआ। जिस कारण वह अवकाश पर थे। अन्य शिक्षकों के बारे में जानकारी नहीं है।

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