उत्तराखंड : 03 बच्चों को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार, पढ़िये इनके कारनामे

👉 उत्तराखंड के नितिन, आयुष व अमन का नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजा देहरादून। उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने प्रदेश से 03 बच्चों…

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार

👉 उत्तराखंड के नितिन, आयुष व अमन का नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजा

देहरादून। उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने प्रदेश से 03 बच्चों के नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार (National Bravery Award) के लिए भेजे हैं। इन तीन बच्चों के साहस को काफी सराहा गया है। भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली को जिन बच्चों के नाम भेजे गये हैं, उनमें रुद्रप्रयाग के नितिन तथा पौड़ी गढ़वाल के आयुष ध्यानी व अमन सुंद्रियाल शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि साल 1975 से भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा वीरता पुरस्कार की परंपरा शुरू की गई थी। परिषद की महासचिव पुष्पा मानस व संयुक्त सचिव कलेश्वर प्रसाद भट्ट ने बताया कि वीरता पुरस्कार अंतर्गत एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि (Medal, Certificate and Cash Amount) प्रदान की जाती है। इसके अलावा चयनित बच्चों को स्कूली शिक्षा पूरी होने तक वित्तीय सहायता भी मिलती है। 26 जनवरी को यह वीर बालकहाथी पर सवारी करते हुए गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं।

जानिये बच्चों के साहसिक कारनामे

👉 गुलदार से भिड़ा था नितिन, बचाई खुद की और भाई की जान

नितिन रुद्रप्रयाग के तमिण्ड गांव का रहने वाला है। चंडिका मंदिर जाते हुए मार्ग में एक गुलदार से इसका आमना-सामना हो गया था। नितिन ने बड़ी हिम्मत दिखाते हुए हमले पर आमादा गुलदार से भिड़ते हुए अपने भाई की जान बचाई थी। नितिन की उम्र 18 साल है। गत 12 जुलाई 2021 की सुबह की बात है। वह अपने बड़े भाई सुमित के साथ नारी देवी चंडिका मंदिर महायज्ञ में शामिल होने जा रहा था। इस बीच डाडू तोक के पास जल स्रोत से वह पानी पीने लगा। वहीं, उसका बड़ा भाई कुछ आगे निकल गया था। इस बीच अचानक घात लगाकर एक तेंदुआ नितिन पर झपट गया। नितिन ने हिम्मत नहीं हारी और गुलदार के दोनों पंजों को कस कर जकड़ लिया। घायल होने के बावजूद वह लगातार गुलदार से लड़ता रहा। इस बीच उसका बड़ा भाई मौके पर पहुंच गया। वह गुलदार पर पत्थर फेंकने लगा। तभी गुलदार नितिन को छोड़कर उसके भाई पर झपट पड़ा। ऐसे समय में नितिन बिल्कुल नहीं डरा। उसने हाथ में एक लाठी लेकर गुलदार पर हमला कर दिया और शोर बचाया। हल्ला सुनने पर ग्रामीण मदद को आ गये और गुलदार वहां से भाग गया।

आयुष और अमन ने जान की परवाह किये बगैर बुझाई आग

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए पौड़ी जनपद से भी दो नाम भेजे गये हैं। यहां उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डुंगरी नैनीडांडा में कक्षा 09 के छात्र आयुष ध्यानी और अमन सुंद्रियाल वीर बच्चों में शामिल हैं। इन्होंने प्रधानाध्यापिका के साथ मिलकर जंगल में लगी आग बुझाई थी। जिससे इनका स्कूल अग्निकांड की चपेट में आने से बच गया। घटनाक्रम के अनुसार विद्यालय की छुट्टी के बाद प्रधानाध्यापिका मीना जंगल की आग बुझाने लगी। यह देख आयुष और अमन भी अपनी जान की परवाह किए बगैर उनकी मदद में लग गये। इन बच्चों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया और स्कूल सुरक्षित हो गया था।

इन तीन वीर बच्चों के नाम भेजे जा चुके हैं। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए अंतिम चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली द्वारा किया जाना है। ज्ञात रहे कि इससे पूर्व प्रदेश के कुल 14 बच्चों को यह पुरस्कार अब तक मिल चुका है।

अब तक यह बच्चे हो चुके हैं पुरस्कृत

हरीश राणा (टिहरी गढ़वाल) , माजदा (हरिद्वार), पूजा कांडपाल (अल्मोड़ा), प्रियांशु जोशी (देहरादून), स्वर्गीय श्रुति लोधी (देहरादून), स्वर्गीय कपिल नेगी (रुद्रप्रयाग), स्वर्गीय मोनिका (चमोली), लाभांशु (देहरादून), अर्जुन (टिहरी), सुमित ममगाई (देहरादून), पंकज सेमवाल (टिहरी), राखी (पौड़ी), मोहित चंद्र उप्रेती (पिथौरागढ़), सनी (नैनीताल)। इन सभी को वीरता पुरस्कार मिल चुका है। यह भी उल्लेखनीय है कि नैनीताल के सनी और पिथौरागढ़ के मोहित का साल 2020 में पुरस्कार के लिए चयन हुआ था, लेकिन तब कोरोना काल होने की वजह से वह पुरस्कृत नहीं हो पाये।

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