उत्तराखंड : पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर निधि वर्मा निलंबित, आदेश जारी

देहरादून| पशुपालन विभाग से बड़ी खबर सामने आई हैं, राजकीय पशु चिकित्सालय नैनीडांडा पौड़ी में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर निधि वर्मा को लगातार अनधिकृत…

उत्तराखंड : पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर निधि वर्मा निलंबित, आदेश जारी

देहरादून| पशुपालन विभाग से बड़ी खबर सामने आई हैं, राजकीय पशु चिकित्सालय नैनीडांडा पौड़ी में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर निधि वर्मा को लगातार अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित के दिया गया हैं। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। निलम्बन अवधि में डॉ. निधि वर्मा, संबंधित मुख्य पशुचिकित्सधिकारी, पौड़ी गढ़वाल के कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगी।

जारी आदेश के मुताबिक, निदेशक, पशुपालन उत्तराखंड देहरादून के पत्र संख्या 6863 / स्था. एक/ अनुका / 2022-23 दिनांक 01 दिसम्बर 2021 द्वारा की गयी संस्तुति के क्रम में निधि वर्मा पशुचिकित्साधिकारी ग्रेड-1 राजकीय पशुचिकित्सालय नैनीडांडा जनपद पौड़ी को अपने कार्यस्थल पर लगातार अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने आहरण वितरण अधिकारी के कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान माह मई 2021 से सितम्बर, 2021 तथा दिसम्बर 2021 से जनवरी, 2022 तक वचनबद्ध मदों का आहरण किये जाने सम्बन्धी गम्भीर वित्तीय अनियमितता पाये जाने एवं प्रथम दृष्टया कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन किये जाने के फलस्वरूप तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।

निलम्बन अवधि में डॉ. निधि वर्मा को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2. भाग 2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महगाई भत्ता अथवा महगाई भत्ते का उपातिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाए कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।

उपर्युक्त प्रस्तर 2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि डॉ. निधि वर्मा इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगी कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगी है।

निलम्बन अवधि में डॉ. निधि वर्मा, संबंधित मुख्य पशुचिकित्सधिकारी, पौड़ी गढ़वाल के कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगी।

डॉ. निधि वर्मा के विरूद्ध आरोपों के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 के सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत अग्रेतर कार्यवाही सम्पादित की जायेगी।

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