वास्तुशास्त्र और देवी पूजन : नवरात्रि में बस यह कीजिए, बदल जायेगी किस्मत

विभिन्न वास्तु व धर्म शास्त्रियों के कथनानुसार हम यहां आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिनको करने से आप नवरात्रि के मात्र 09…

चैत्र नवरात्रि 2023

विभिन्न वास्तु व धर्म शास्त्रियों के कथनानुसार हम यहां आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिनको करने से आप नवरात्रि के मात्र 09 दिन में माता रानी की कृपा प्राप्त करेंगे। वैसे भी, वास्तु दोष को दूर करने के लिए नवरात्रि का समय उत्तम माना जाता है। प्राचीन मान्यता है कि नवरात्रि में सच्चे मन से मां की आराधना करने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और धन-धान्य व आरोग्य की प्राप्ति होती है।

चैत्र नवरात्रि 2023 : 22 मार्च, 2023 से चैत्र नवरात्रि शुरू होने जा रही है। यदि आप और आपका परिवार धर्म परायण है तो अवश्यक आप सपरिवार नवरा​त्रि की तैयारी में जुटे होंगे। किंतु क्या आप जानते हैं कि देवी पूजन का भी एक विधान है। यदि वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजन पद्वति अपनाई जाये तो मनोकामना जल्द पूर्ण होती है।
चैत्र नवरात्रि कल से शुरू, जानें दुर्गा पूजा और घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

यह उपाय करके देखिए –

🙏 माता रानी का कीजिए स्वागत : यदि आप देवी भक्त हैं तो चैत्र नवरात्रि में इस बार माता रानी का भव्य स्वागत कीजिएगा। आपको घर के मुख्य द्वार पर माता लक्ष्मी के चरण चिह्न अवश्यक लगाने हैं। इससे आपको धन अवश्यक धन लाभ होगा।

🙏 कार्यालय में करें यह टोटका : आपको कार्यालय के प्रवेश द्वार पर बर्तन में जल भरकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना है। कलश में लाल और पीले फूल डालने हैं। इसका लाभ आप मात्र 09 दिवसों में देखेंगे।

🙏 ओउ्म की स्थापना : चैत्र नवरात्रि में ॐ के चिन्ह का भी विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र के जानकारों का कहना है कि घर के मुख्य द्वार पर ओउ्म का चिन्ह अवश्यक लगायें। इससे नेगेटिव एनर्जी खत्म होगी और सकारात्म ऊर्जा का संचार होगा।

🙏 अखंड ज्योति की स्थापना : आपको पूजा स्थल में अखंड ज्योत दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर रखनी है। कहा जाता है कि ऐसा करने से स्वास्थ्य में सुधार आता है।

🙏 पवित्र मन से पूजन : उपरोक्त समस्त उपाय यदि न भी कर पायें तो देवी मां को मात्र आपकी सच्ची श्रद्धा चाहिए। पूर्ण पवित्र मन से माता रानी का ध्यान करें। तमाम व्यसनों का नव दिन त्याग करें। परोपकार के कार्य करें। देवी मां की अवश्यक आप पर कृपा होगी। इसके विपरीत यदि पापी मन से पूजन करेंगे तो कोई भी उपाय सफल नहीं होगा।

विशेष – उक्त आलेख व देवी पूजन की विधियां विभिन्न मीडिया रिपोर्टस, वास्तु शास्त्र के जानकारों व पुरोहितों से मिली जानकारी के आधार पर लिखा गया है। इसमें यदि कोई भूल-चूक हो जाये तो इसके लिए सीएनई मीडिया हाऊस उत्तरदायी नहीं होगा। पाठकों से आग्रह है कि देवी पूजन से पूर्व अपने परिवार के पुरोहित से सलाह लें।

जानिए कब है नवरात्रि का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार प्रतिपदा की तिथि आज मंगलवार 21 मार्च को रात 11 बजकर 4 मिनट पर लग जाएगी। अतएव बुधवार 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ कीजिएगा। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 07 बजकर 32 मिनट तक है। अर्थात घट स्थापना के लिए 01 घंटे का समय है।

जानिए घट स्थापना की विधि

👉 माता दुर्गा की पूजा से पूर्व घट का पूजन कीजिए, जो कि विष्णु का स्वरूप माना जाता है।

👉 पूजा स्थल कलश स्थापना से पूर्व गंगा जल से साफ अवश्यक कर लीजिए।

👉 इसके बाद सभी देवी—देवताओं को आमं​त्रण भेजिए।

👉 स्थापना के बाद भगवान गणेश और मां दुर्गा की स्थापना कीजिए।

👉 इसके पश्चात 09 दिवस तक व्रत का संकल्प लीजिए।

वाह जी, यहां दिखाई दिये तीन दर्जन के करीब हिम तेंदुए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *