पंतनगर न्यूज : कुलपति ने नाभिकीय बीजों की कटाई का किया शुभारम्भ

पंतनगर । पन्तनगर विश्वविद्यालय के प्रजनक बीज उत्पादन केन्द्र पर कुलपति डा. तेज प्रताप द्वारा केन्द्र पर गेहूँ के नाभिकीय बीज की कम्बाईन द्वारा कटाई…

पंतनगर । पन्तनगर विश्वविद्यालय के प्रजनक बीज उत्पादन केन्द्र पर कुलपति डा. तेज प्रताप द्वारा केन्द्र पर गेहूँ के नाभिकीय बीज की कम्बाईन द्वारा कटाई का शुभारम्भ के साथ कोविड-19 के लिये सोसल डिस्टेसिंग का निरीक्षण भी किया गया। शुभारम्भ के उपरान्त कुलपति ने कम्बाईन द्वारा कटाई के साथ पन्तनगर विश्वविद्यालय द्वारा अनुरंक्षित की जाने वाली गेहूँ की नाभिकीय बीज उत्पादन प्रक्षेत्र का भ्रमण किया गया। संयुक्त निदेशक डा. पी.एस. शुक्ल ने निदेशक शोध डा. ए.एस. नैन की उपस्थिति में अवगत कराया कि बीज उत्पादन केन्द्र पर 40 गेहूँ, 6 चने, 5 मटर एवं 5 मसूर की प्रजातियों के साथ 8 गन्ने, 7 सरसों/लाही व 1 बरसीम की प्रजातियों का प्रजनक बीज उत्पादन रबी मौसम में किया जा रहा है। रबी मौसम में इन प्रजातियों के लगभग 5500 कुन्तल का प्रजनक बीज उत्पादित होने की सम्भावना है। यह प्रजनक बीज भारत सरकार व राज्य सरकार के माँग के अनुसार उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही बीज उत्पादन केन्द्र के एल ब्लाँक में लगे गेहूँ की प्रजातियों यू.पी. 2784, 2785, 2844, 2855 एवं 2865 के साथ-साथ एच.डी. 2967, डब्लू.एच. 1105, चने की पी.जी. 4, मसूर की पी.एल. 9 आदि प्रजातियों के प्रक्षेत्रों का भी निरीक्षण किया गया। कुलपति ने केन्द्र पर उपलब्ध आर्टीजन वैल का निरीक्षण करते हुये कहा गया कि प्रकृति का यह एक अनुपम भेट सिंचाई के लिये आज भी केन्द्र का सहयोग कर रहा है। कुलपति ने चर्चा में कहा कि हमें 90 दिन में पकने वाली गेहूँ व 60 दिन में पकने वाले दलहन की प्रजातियों पर और काम किये जाने की आवश्यकता है, इसके लिए शोध निदेशक ने केन्द्र पर चल रहे लोबिया परियोजना के माध्यम से विकसित 60 दिन की लोबिया फसल की प्रजातियों पन्त लोबिया 1, 2 एवं 3 का भ्रमण कराया। कम समय में होने वाली लोबिया की प्रजाति का निरीक्षण करते हुये कुलपति जी ने कहा की यह प्रजातियाँ किसानों के लिये गेहूँ एवं धान की बीच खाली समय में एक अतिरिक्त फसल उगाने में अच्छा योगदान देगें। इस दौरान सोसल डिस्टेसिंग एवं राज्यकीय शासनादेशों का पूर्ण रुप से पालन किया गया एवं केन्द्र पर चल रहे अन्य कृषि कार्यो में इसका पूर्ण रुप से पालन किया जाता है।
कुलपति द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि कोरोना सक्रंमण को देखते हुये सारी सावधानियाँ रखी जायें। प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान डा. अजय कुमार, सहायक निदेशक, डा. ओपी ओझा, टीबी राम एवं रमेश पाल आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *