तो अब अमेरिकी ब्लैक होल तकनीक से होगा कचरे का निस्तारण , लगेगी भट्टी !

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। नगर पालिका अल्मोड़ा क्षेत्र अंतर्गत रोजाना एकत्रित होने वाले कई टन कचरे का निस्तारण अब ब्लैक होल तकनीक से किये जाने की…

ब्लैक होल तकनीक से होगा कचरे का निस्तारण

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। नगर पालिका अल्मोड़ा क्षेत्र अंतर्गत रोजाना एकत्रित होने वाले कई टन कचरे का निस्तारण अब ब्लैक होल तकनीक से किये जाने की बात कही जा रही है। इस योजना के तहत एक प्लाज्मा मुक्त मैग्नेटिक भट्टी (Plasma Free Magnetic Furnace) लगाए जाने की भी बात कही जा रही है।

दरअसल, अल्मोड़ा की यदि बात करें तो जिस ब्लैक होल तकनीक की बात की जा रही है। उसमें अभी काफी वक्त लग सकता है। फिलहाल तो सिर्फ पालिका ने एक प्रस्ताव शासन को भेजा है।

क्या है यह ब्लैक होल तकनीक

फिर भी यह समझना जरूरी है कि आखिर यह ब्लैक होल तकनीक क्या है। आपको बता दें कि वैज्ञानिक भाषा में ब्लैक होल अंतरिक्ष का वह क्षेत्र है, जहां गुरुत्वाकर्षण बहुत मजबूत माना जाता है। यहां प्रकाश या अन्य विद्युत चुम्बकीय तरंगों सहित किसी भी चीज में इतनी ऊर्जा नहीं है कि वह अपने को क्षितिज से बचा पाये। यानी जो कुछ भी यहां आता है वह इस अंतहीन ब्लैक होल में समा जाता है। अब नगर पालिका भी इस तकनीक का इस्तेमाल कचरा निस्तारण के लिए करने की इच्छुक है।

अल्मोड़ा में कचरे का निस्तारण एक बड़ी समस्या

बताना चाहेंगे कि अल्मोड़ा से करीब 06 किलोमीटर की दूरी पर नगर का टचिंग ग्राउंड है। यहां रोजाना सहा कस कूड़ा भर—भरकर डाला जाता है। पालिका के सामने अब समस्या यह है कि वह इस कूड़े को कैसे निपटाये।

क्या है कचरे की ब्लैक होल तकनीक

पालिका ने एक नई योजना बनाई है। यानी, कूड़े के निस्तारण के लिए अमेरिकी ब्लैक होल तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया है। इस तकनीक के तहत प्लाज्मा मुक्त मैग्नेटिक भट्टी में किसी भी तरह का कूड़ा जलाया जा सकेगा। इसकी खास बात यह है कि कूड़ा जलने के बाद इसकी बची राख से टाइल्स बनाई जा सकेंगी। ब्लैक होल की खास बात यह भी है कि बगैर ईधन और बिजली से यह संचालित होगा। जो आने वाले समय में अल्मोड़ा को कचरा मुक्त रखने में कारगर सिद्ध होगा।

कहां तक पहुंचा है मामला !

नगर पालिका के ईओ भरत त्रिपाठी ने बताया कि अल्मोड़ा शहर से रोजाना आठ से दस टन कूड़ा उठता है। कूड़ा निस्तारण करने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए अब ब्लैक होल तकनीक पर विचार किया जा रहा है। इस टेक्नोलॉजी की खास बात यह है कि ब्लैक होल प्लांट में जो भी कूड़ा जाएगा वह वातावरण को प्रदूषित नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि इस तकनीके प्रयोग का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जिसे जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगर इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई तो कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया आसान हो जाएगी और पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।

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