तो क्या सुनियोजित साजिश थी जगदीश चंद्र की हत्या, पढिये पूरी खबर…

⏩ युवती के सौतेले पिता व भाई के सर पर सवार था खून ⏩ प्रेम विवाह करने पर दलित नेता की निर्मम हत्या करने का…

⏩ युवती के सौतेले पिता व भाई के सर पर सवार था खून

⏩ प्रेम विवाह करने पर दलित नेता की निर्मम हत्या करने का मामला

  • रानीखेत से गोपालनाथ गोस्वामी की रिपोर्ट –
रानीखेत पुलिस सुरक्षा में मृतक की पत्नी गुड्डी

उपपा नेता जगदीश चंद्र की हत्या के बाद शव का आज यहां रानीखेत में पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान मृतक के परिजनों के अलावा उसकी पत्नी भी मौके पर मौजूद थी, जिसका रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है।

पोस्टमार्टम के दौरान प्रशासन व पुलिस के तमाम लोग मौजूद रहे। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी भी मौके पर पहुंचे और शोक संतप्त परिजनों को उन्होंने ढांढस बंधाया। उन्होंने इस हत्याकांड को एक सुनियोजित साजिश बताते हुए कई राज खोले। उन्होंने बताया कि जगदीश एक सामाजिक कार्यकर्ता था और गीता उर्फ गुड्डी, जो कि ग्राम उपथरा, पोस्ट सीम, तहसील भिकियासैंण की निवासनी से उसे सहानुभूति हो गई और दोनों के बीच प्रेम हो गया। एक बार युवती उसके साथ चली गई, लेकिन बाद में घर वापस आ गई। तब भी उसके सौतेले पिता नंदन सिंह, भाई कैलाश सिंह व ललित सिंह ने उसका बहुत उत्पीड़न किया। जिस कारण बाद में जगदीश व गीता ने विवाह कर लिया। यह बात युवती के परिजनों को रास नहीं आई, जिसकी शिकायत युवती की ओर से प्रशासन व पुलिस को भी की गई थी।

रानीखेत में पोस्टमार्ट हाऊस के पास पहुंचे उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी व अन्य

पीसी तिवारी ने कहा कि यह हत्याकांड एक सोजी समझी साजिश थी। इसके पीछे जो भी लोग हैं उन सबकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात का भी अंदेशा है कि हत्यारे मृतक की पत्नी को भी मारना चाहते थे, लेकिन उसमें सफल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि मेहनत-मजदूरी कर समाज को बलदने का काम करने वाले व्यक्ति की हत्या का मामला राष्ट्रीय स्तर पर उठना चाहिए। इस मामले में प्रदेश सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने सरकार से मृतक के परिजनों को त्वरित आर्थिक सहायता वह बहन को नौकरी देने की मांग की।

रानीखेत पोस्टमार्टम हाऊस के पास सुरक्षा में तैनात पुलिस बल

बता दें कि मृतक युवक जगदीश चंद्र पुत्र केश राम, पनुवाधौखन तसहील सल्ट, अल्मोड़ा का निवासी था। युवती की उससे करीब एक साल पहले भिकियासैंण बाजार में मुलाकात हुई थी। वह प्लंबर का काम किया करता था। युवती के अनुसार बाद में वह जल जीवन मिशन के अंतर्गत घर-घर नल लगाने के काम से आया। युवती ने उसे पहचान लिया। इसी के बाद दोनों की मित्रता बाद में प्रेम में बदल गई और उन्होंने विवाह करने का निश्चय कर लिया था। गत 17 जून 2022 को वह जगदीश से विवाह करने को अल्मोड़ा आ गई थी, लेकिन उसके पास प्रमाण पत्र नहीं थे, जिस कारण विवाह नहीं हो पाया। इस बीच उसका सौतेला पिता व भाई उसे 7 अगस्त को वापस अपने साथ ले गये। इस दौरान उसके साथ मारपीट व जान से मारने की धमकी दी गई। युवती के अनुसार गत 07 अगस्त 2022 को वह रात करीब 12 बजे भागकर भिकिसासैंण में जगदीश के कमरे तक पहुंची। जिसके बाद 21 अगस्त, 2022 को उन्होंने गैराड़ मंदिर, अल्मोड़ा में विवाह कर लिया। जिसके बाद उसका सौतेला पिता जोगा सिंह व भाई गोविंद सिंह व कई अन्य लोग उसकी जान के दुश्मन बन गये थे।

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