मोदी कैबिनेट ब्रेकिंग: एक करोड़ डाटा सेंटर से देश में लाई जाएगी वाई-फाई क्रांति

नई दिल्ली। कृषि कानून पर किसानों के जारी आंदोलन के बीच बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार देश में 1 करोड़ डाटा सेंटर…

नई दिल्ली। कृषि कानून पर किसानों के जारी आंदोलन के बीच बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार देश में 1 करोड़ डाटा सेंटर खोलेगी। इस योजना को प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस इंटरफेस नाम दिया गया है। जिसके जरिए देश में वाई-फाई की क्रांति लाई जाएगी। इसके तहत सरकार पब्लिक डाटा ऑफिस (पीडीओ) खोलेगी। इसके लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। किसी भी मौजूदा दुकान को डाटा ऑफिस में बदला जाएगा। सरकार की ओर से डाटा ऑफिस, डाटा एग्रिगेटर, ऐप सिस्टम के लिए 7 दिनों में सेंटर खोलने की इजाजत दी जाएगी। कैबिनेट की यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद और संतोष गंगवार ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि लक्षद्वीप के द्वीपों में भी फाइबर कनेक्टविटी को जोड़ा जाएगा। कोच्चि से लक्षद्वीप के 11 द्वीपों में 1000 दिन में कनेक्टविटी पहुंचाई जाएगी। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि देश में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लागू की जाएगी। जिसके तहत कुल 2020-2023 तक 22 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना के तहत करीब 58.5 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। मार्च 2020 से अगले साल तक जो लोग नौकरी पर लग रहे हैं। इनका ईपीएफ अंशदान सरकार की ओर से दिया जाएगा। जिस कंपनी में 1000 से कम कर्मचारी हैं उनका 24 फीसदी इपीएफ अंशदान सरकार देगी।
संतोष गंगवार के मुताबिक, जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तब ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में 6 करोड़ रोजगार थे जो अब बढ़कर 10 करोड़ रोजगार मिल चुके हैं। इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने अरुणाचल प्रदेश, असम के दो जिलों में यूएसओएफ योजना को मंजूरी दी है। कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान जब मंत्रियों से किसान आंदोलन और कृषि कानून में बदलाव की बात की गई तो जवाब मिला कि सरकार किसानों के साथ बात कर हल निकाल रही है।

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