उत्तराखंड के यशवंत को जर्मनी की Tesla Company ने दिया 23 करोड़ का पैकेज

Yashwant Chaudhary’s selection in Tesla Company : उत्तराखंड के चंपावत जिले के यशवंत चौधरी (Yashwant Choudhary) ने छोटी उम्र में बड़ा मुकाम हासिल कर उत्तराखंड…

उत्तराखंड के यशवंत को जर्मनी की Tesla Company ने दिया 23 करोड़ का पैकेज

Yashwant Chaudhary’s selection in Tesla Company : उत्तराखंड के चंपावत जिले के यशवंत चौधरी (Yashwant Choudhary) ने छोटी उम्र में बड़ा मुकाम हासिल कर उत्तराखंड और अपने जिले का नाम रोशन किया है। यशवंत को महज 24 साल की उम्र में 23 करोड़ रुपये (30 लाख डॉलर) से अधिक का पैकेज मिला है। युवा इंजीनियर यशवंत को जर्मनी की टेस्ला गीगा कंपनी (Tesla Giga factory) में वरिष्ठ प्रबंधक की नौकरी मिली है।

यशवंत बर्लिन में देंगे सेवा | Germany’s Tesla Company gave a package of 23 crores to Yashwant Chaudhary

यशवंत ने बताया कि उनका चयन 30 लाख डॉलर के पैकेज में टेस्ला गीगा फैक्ट्री में वरिष्ठ प्रबंधक (Senior Manager)के लिए बर्लिन जर्मनी में हुआ है। 31 जुलाई तक ऑनलाइन काम करने के बाद अगस्त से अक्टूबर तक बेंगलुरु में प्रशिक्षण होगा। प्रशिक्षण के बाद नवंबर में उन्हें बर्लिन में नियुक्ति दी जाएगी।

चंपावत जिले के तल्लीहाट निवासी व्यापारी शेखर चौधरी के बेटे यशवंत चौधरी का टेस्ला गीगा फैक्ट्री में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर चयन हुआ है।

यशवंत की शिक्षा | Yashwant of Champawat selected in Tesla Giga factory

बता दें कि यशवंत की प्रारंभिक शिक्षा मल्लिकार्जुन स्कूल चंपावत से हुई है। प्रारंभिक शिक्षा के बाद यशवंत ने राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज पिथौरागढ़ से बीटेक किया है। बीटेक के बाद यशवंत ने वर्ष 2020 में गेट परीक्षा पास करके 870वी रैंक हासिल की थी। जिसके पश्चात यशवंत का चयन बेंगलुरु की एक कंपनी में प्रशिक्षु प्रबंधक के रूप में हो गया। कोरोनाकाल की वजह से यशवंत ने घर पर रहकर ही ऑनलाइन सेवाएं दी।

यशवंत का कहना है कि… | Tesla Giga factory

यशवंत का कहना है कि उनका शुरू से ही सपना एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने का रहा है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा सकें और आगे चलकर यह अनुभव उन्हें देश में ही किसी बड़ी जिम्मेदारी को संभालने में काम आ सके। यशवंत को इस जॉब के बाद बधाइयों का तांता लगा हुआ है। वहीं मल्लिकार्जुन स्कूल चंपावत का पूर्व-छात्र होने के कारण स्कूल के प्रधानाचार्य ने यशवंत को सम्मानित किया। बेटे की इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है तथा बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

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