पहल को पंखः मुहिम शुरू होने में एक सप्ताह बांकी, मगर सफलता के संकेत झलके, मुफ्त नेट-जेआरएफ प्रशिक्षण की तैयारी में जुटा योग विज्ञान विभाग, अब तक ढाई दर्जन विश्वविद्यालयों से आए आवेदन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ासोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी की पहल पर विवि के योग विज्ञान विभाग द्वारा इस बार देशभर के…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी की पहल पर विवि के योग विज्ञान विभाग द्वारा इस बार देशभर के छात्र-छात्राओं के लिए मुफ्त नेट-जेआरएफ प्रशिक्षण की मुहिम शुरू की जा रही है। खास बात ये है कि इस मुहिम के आरंभ होने में अभी सप्ताहभर का वक्त बांकी है, लेकिन इसकी सफलता के चरम तक पहुंचने के संकेत साफ झलकने लगे हैं। प्रशिक्षण का हिस्सा बनने के लिए अब तक देशभर के 30 से अधिक विश्वविद्यालयों के छात्र आनलाइन आवेदन कर चुके हैं।
गौरतलब है कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के एसएएसजे कैंपस अल्मोड़ा के योग विज्ञान विभाग द्वारा इस दफा नई पहल शुरू की जा रही है। जिसमें योग से जुड़े देशभर के विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क नेट-जे आरएफ प्रशिक्षण दिया जाना है। इसका ऐलान गत दिनों किया गया था। प्रशिक्षण का शुभारंभ आगामी 12 जनवरी को उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत एवं अल्मोड़ा विवि के कुलपति प्रो. एनएस भंडारी करेंगे। जैसे ही इस मुहिम का प्रचार-प्रसार हुआ, तो आनलाइन आवेदन करने की होड़ लगने लगी है। अब तक जो स्थिति सामने आई है, वह भविष्य में इस मुहिम के पूर्ण होने का शुभ संकेत दे रही है। यहां विभाग में स्थापित नेट-जेआरएफ सेल के संयोजक विश्वजीत वर्मा ने बताया कि अभी तक देशभर के 30 से अधिक विश्वविद्यालयों के 300 छात्र-छात्राएं आनलाइन आवेदन कर चुके हैं और आवेदन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
दूसरी ओर योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट ने बताया कि प्रतिवर्ष योग विज्ञान विभाग द्वारा युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है, परंतु इस वर्ष देशभर के युवा छात्रों को एक मंच पर लाकर ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की योजना है। उन्होंने बताया कि यह मुहिम कुलपति प्रो. भंडारी की प्रेरणा से संचालित की जा रही है। विभागाध्यक्ष डॉ. भट्ट ने बताया कि अब तक आवेदन करने वालों में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, कुमाऊँ विश्वविद्यालय समेत केंद्रीय विवि श्रीनगर गढ़वाल, देव संस्कृति विवि, गुरु राम राय विवि, संस्कृत विवि, उत्तराखंड मुक्त विवि, गुरुकुल कांगड़ी विवि, पतंजलि विवि, जैन विश्व भारती विवि राजस्थान, बरकत उल्लाह विवि भोपाल, तीर्थांकर महावीर विवि मुरादाबाद, नालन्दा मुक्त विवि बिहार, अन्नामलाई विवि, राजर्षि टंडन मुक्त विवि उत्तरप्रदेश, सिद्धार्थ विवि ,कुरुक्षेत्र विवि, महात्मा ज्योतिबाफुले रूहेलखंड विवि, रांची विवि झारखंड, पटना विवि बिहार, स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान बंगलौर, संपूर्णानंद संस्कृत विवि, महात्मा ज्योतिबाफुले जयपुर विवि, रानी दुर्गावती विवि जबलपुर आदि सहित देशभर के प्रमुख योग संस्थानों के छात्र-छात्राएं शामिल हैं।

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