अल्मोड़ा : यहां घुसा 07 फीट लंबा कोबरा सांप, जानिये कितना खतरनाक है यह

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा Cobra snake entered yoga department, forest department rescued कुमाऊं विश्वविद्यालय एसएसजे परिसर के योग विभाग परिसर में आज अचानक एक विशाल कोबरा…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

Cobra snake entered yoga department, forest department rescued

कुमाऊं विश्वविद्यालय एसएसजे परिसर के योग विभाग परिसर में आज अचानक एक विशाल कोबरा सांप (Cobra Snake) घुस आने से हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने इस सांप का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह योग विभाग परिसर में आज सुबह एक सांप दिखाई देने के बाद वहां मौजूद लोग काफी डर गये। इस बीच विभागाध्यक्ष द्वारा मामले की सूचना आपदा कंट्रोल रूम को दी गई। जिस पर आपदा कंट्रोल रूम की ओर से व​न विभाग को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही वन दरोगा भुवन लाल टम्टा और वन रक्षक किरन तिवारी उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे। इस बीच यह सांप योग विभाग के निकट ही पानी के टंकी के भीतर जा घुसा, लेकिन प्रशिक्षित लोगों ने इस सांप को आधे घंटे के भीतर पकड़ रेस्क्यू कर लिया। वन दरोगा भुवन लाल टम्टा ने बताया कि यह करीब 07 फीट लंबा कोबरा सांप था। इधर समय रहते सांप को पकड़ लिये जाने से योग विज्ञान विभाग के तमाम लोगों ने राहत की सांस ली।

जानिये भारतीय कोबरा के बारे में

⏩ भारतीय कोबरा मध्यम आकार वाला एक विषधर प्रजाति का सर्प है। यह अन्य सामान्य सापों के मुकाबले कुछ अधिक बड़े होते हैं और अपने हुडनुमा सर से पहचाने जाते हैं। यह खतरा महसूस होने पर इंसानों पर भी तुरंत हमला कर देता है। अधिकांश साढे़ तीन से साढे़ पांच फीट के होते हैं लेकिन यह अपने जीवनकाल में 6.9 से 7.2 फीट तक की लंबाई तक बढ़ा सकते हैं।

⏩ भारतीय कोबरा सांप अपने रंग और पैटर्न में अन्य सापों से काफी अलग होता है। यह स्लेटी, पीले, भूरे, लाल या काले रंग के होते हैं। इसके शरीर में काली मिर्च के से धब्बे भी देखे जाते हैं। भौगोलिक सीमा की बात करें तो यह भारत के अलावा दक्षिणी पाकिस्तान में बहुतायत पाये जाते हैं। भारत में यह उत्तराखंड के अलावा तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में भी पाया जाता है।

बहुत विषैला है यह सांप

कहा जाता है कि किंग कोबरा दुनिया का सबसे लंबा विषैला सर्प है। एक सर्वे के अनुसार देश में सर्पदंश से होने वाली अधिकांश मौतों में किंग कोबरा ही जिम्मेदार होता है। इसका जहर कार्डियोटॉक्सिक और न्यूरोटॉक्सिक होता है। इसके काटते ही न्यूरो सिस्टम काम करना बंद कर देता है, जिससे शरीर को लकवा मार देता है। किंग कोबरा के जहर से आदमी अंधा तक हो सकता है।

‘किंग कोबरा’ और ‘कोबरा’ में है अंतर

⏩ हालांकि बहुत से लोग किंग कोबरा और कोबरा को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर रहता है। इन दोनों सांपों की शारीरिक बनावट एक जैसी ही रहती है। इसके बावजूद कुछ खास विशेषताएं दोनों का अलग-अलग वर्गीकरण करती है।

⏩ नागराज या किंग कोबरा वजन और आकार में कोबरा से बड़ा होता है, लेकिन कोबरा का हुड यानी मुंह किंग कोबरा की तुलना में अधिक पतला और लंबा होता है।

⏩ किंग कोबरा की औसत आयु 15 से 20 साल, जबकि कोबरा की 10 से 12 साल होती है।

⏩ किंग कोबरा का व्यवहार कोबरा के मुकाबले ज्यादा आक्रमक होता है और इसका जहर एक हाथी तक को मार सकता है। किंग कोबरा दूसरे छोटे सांपों को भी खा लेते हैं और यह ज्यादातर जंगलों में रहना पसंद करते हैं, जबकि कोबरा सांप इंसानी आवासों और घरों के आंगन तथा खुले घास के मैदानों में रहना पसंद करता है। यह भी बहुत विषैला होता है, लेकिन दूसरे सांपों को नहीं खाता है।

⏩ किंग कोबरा जब हमलावर होता है तो यह हवा में 4 फीट तक उठ जाता है और दुश्मन को उसके ऊपरी शरीर पर काटते हैं, जबकि अन्य सभी कोबरा प्रजातियां ऐसा इतना ऊंचा नहीं उठ पातीं और अकसर पैर के निचले स्थान पर काटते हैं।

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