Almora Breaking: अभियुक्त को 10 साल के कारावास व एक लाख अर्थदंड की सजा

— मामले के दूसरे आरोपी को दोषमुक्त करारसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ागांजा तस्करी के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा मलिक मजहर सुल्तान ने अभियुक्त चरन…

छात्रा से छेड़खानी मामले में फंसे प्राध्यापक दोषमुक्त

— मामले के दूसरे आरोपी को दोषमुक्त करार
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
गांजा तस्करी के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा मलिक मजहर सुल्तान ने अभियुक्त चरन सिंह पुत्र नत्थू सिंह, निवासी ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश को एनडीपीएस एक्ट के तहत 10 साल के कारावास व एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा नहीं करने की दशा में एक माह का अतिरिक्त कारावास की सजा दी है। इस मामले में आरोपी अंशुल गुलार डोटियाल को दोषमुक्त करार दिया है।

मामला 21 जनवरी 2020 का है, जब अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण थानांतर्गत पु​लिस ने वाहन संख्या एचआर 51एसी 0930 चेक किया और इसके चालक चरन सिंह निवासी ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद के कब्जे से वाहन में दो कट्टों में रखा 34 किलोग्राम 52 ग्राम गांजा​ मिला। जबकि वहीं दूसरे वाहन संख्या यूके—18 4472 से 18 किलोग्राम 906 ग्राम गांजा मिला। दूसरी गाड़ी को चरन सिंह का दोस्त अंशुल गुलार डोटियाल चला रहा था, जो भाग गया था। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। बाद में विवेचनाधिकारी ने विवेचना पूरी करने के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।

मामले का​ विचारण विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा के न्यायालय में हुआ। अभियोजन पक्ष की ओर से 09 गवाह न्यायालय में परीक्षित कराए और अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने पूरा मामला न्यायालय के समक्ष रखते हुए दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए। विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा के न्यायालय ने दस्तावेजी साक्ष्यों व पत्रावली का परिशीलन कर 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत चरन सिंह को दोषी करार दिया और उसे 10 साल की सजा व एक लाख रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा नहीं करने की दशा में एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। दूसरे आरोपी अंशुल को इन धाराओं में दोषमुक्त करार दिया। मामले में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन​ सिंह कैड़ा, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शेखर चंद्र नैल्वाल, विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी ने सबल पैरवी की और दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए।

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