Bageshwar Breaking: भारी हंगामे के बीच बहुमत से जिला पंचायत का बजट पारित

— बैठक में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के बीच तीखी नोकझोंक— बैठक के बाद नया मोड़ और कोतवाल के खिलाफ धरना शुरू— अध्यक्ष पर बजट की…

— बैठक में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के बीच तीखी नोकझोंक
— बैठक के बाद नया मोड़ और कोतवाल के खिलाफ धरना शुरू
— अध्यक्ष पर बजट की बदंरबांट व भेदभाव करने का आरोप

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत की सामान्य बैठक में आज बजट आवंटन को लेकर कई सदस्यों ने हंगामा काटा। उनका आरोप था कि बजट आवंटन में विकास कार्यों की अनदेखी की गई है। बजट को लेकर वोटिंग पर सदस्य भड़क गए। सदस्यों ने कहा कि बजट की बंदरबांट नहीं होने देंगे। इस बीच जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई, हालांकि बहुमत से 9.01 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया। बाद में मामले में नया मोड़ तब आया जब कोतवाल दलबल के साथ जिला पंचायत पहुंचे। अब सदस्यों ने पुलिस पर धक्का—मुक्की करने व धमकाने का आरोप लगाया है और कोतवाल के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं।

शुक्रवार को जिला पंचायत सभागार पर जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस सामान्य बैठक में बजट आवंटन को लेकर चर्चा शुरू हुई। जब विपक्ष के सदस्यों ने बजट आवंटन की सूची में अपने क्षेत्र के गांवों के नाम गायब देखे, तो उनमें आक्रोश उभर आया। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष पर विकास कार्यों की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि बजट आवंटन सभी सदस्यों को बराबर होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है, जबकि इसके लिए पूर्व में बड़ा आंदोलन भी कर चुके हैं और उन्हें आश्वासनों का पुलिंदा थमाया गया था। उन्होंने कहा कि अब उन्हें सामान्य बैठक में ठेंगा दिखाया जा रहा है। इस बीच जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार और अध्यक्ष के बीच जमकर तीखी नोकझोंक हुई। उन्होंने बजट आवंटन पर सवाल उठाए और कहा कि वे धोखा नहीं होने देंगे। उपाध्यक्ष के साथ ही सदस्य गोपा धपोला, इंद्रा परिहार, पूजा आर्या, रूपा कोरंग, वंदना ऐठानी, सुरेश खेतवाल ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष चेहतों को बजट दे रहे हैं ओर यह खेल लंबे समय से चल रहा है। इसी का विरोध हो रहा है।
नया मोड़, कोतवाल के खिलाफ धरना

बागेश्वर: आज जिला पंचायत की सामान्य बैठक में बजट बहुमत से पारित होने के बाद अध्यक्ष सदन से उठकर चलीं गईं। लेकिन कुछ सदस्यों ने अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, वित्तीय परामर्शदाता और लेखाकर को रोक लिया। इसके बाद दरवाजा बंद कर अंदर मुद्दे पर वार्ता होने लगी। इसकी भनक जिला पंचायत अध्यक्ष को लगी। तो उन्होंने एसडीएम को फोन कर पुलिस बल भेजने के निर्देश दिए। इस पर कोतवाल कैलाश सिंह नेगी दलबल के साथ पहुंच गए। इससे सदस्य भड़क गए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने धक्कामुक्की कर उन्हें धमकाया है। यह आरोप भी लगाया है कि पुलिस ने उन्हें विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने की धमकी दी। आक्रोशित सदस्यों ने इसके विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने कोतवाल के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

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