बागेश्वर न्यूज : जनपद के कोरोना आंकड़े मिस कम्युनिकेशन के शिकार

बागेश्वर। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बागेश्वर स्वास्थ्य विभाग को डेली की कोरोना रिपोर्ट का प्रेस नोट जारी करने का आदेश दिया लेकिन पिछले दो दिनों…

बागेश्वर। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बागेश्वर स्वास्थ्य विभाग को डेली की कोरोना रिपोर्ट का प्रेस नोट जारी करने का आदेश दिया लेकिन पिछले दो दिनों से प्रदेश और स्वास्थ्य विभाग बागेश्वर के आकड़ो में काफ़ी अंतर दिख रहा है। इससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। जनपदवासी कोरोना को लेकर पहले ही डरे हुए हैं और अब उनके सामने संकट पैदा हो गया है कि वे जिले से जारी होने वाले आंकड़ों पर यकीन करें या फिर स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से जारी होने वाले आंकड़ों पर। जानकारी के आभाव में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग प्रेस नोट जारी कर अपना पल्ला झाड़ रहा है। फिर आकड़ों में कोई भी ऊपर नीचे हो कोई मतलब नहीं। ? व्हाट्सएप ग्रुप click now ?

कल बागेश्वर से 1 कोरोना पॉजिटिव की जानकारी दी गई और रात साढ़े आठ बजे जारी स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के बुलेटिन में 10 पॉजिटिव आये। पहले दिन भी जिले से 1 ही पॉजिटिव की जानकारी दी गई और प्रदेश स्तर पर 3 संक्रमित बताए गए । जानकारी के अनुसार ये मिस कम्युनिकेशन प्रदेश स्तर से हो रहा है। जिले में दो तरीके से जांच होती है। ट्रू नेट और एंटीजेन मशीन से। ट्रू नेट से जांच में पॉजिटिव आने पर आरटी पीसीआर जांच के लिए एसटीच हल्द्वानी भेजी जाती है। अगर वहां रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो ही वह कोरोना पॉजिटिव होता है। तब उसे आकड़ों में गिना जाता है। एंटीजेन जांच से रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो वह कन्फर्म होती है। ? व्हाट्सएप ग्रुप click now ?

ये सारी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली है। मिस कम्युनिकेशन का नतीजा ये है कि ट्रू नेट के आंकड़े भी आरटी पीसीआर के साथ जोड़ के दिखाये जा रहें हैं। ज़बकि बुलेटिन जारी होने से पहले भी टेलीफोनिक वार्ता कर आंकड़े कन्फर्म किये जाते हैं। बागेश्वर जिले के आंकड़े बढ़के आ रहे हैं। वहीं मिल रही सूचना के अनुसार गलत जानकारी को सही करने के लिए स्वास्थ्य विभाग बागेश्वर द्वारा निदेशालय को पत्र लिखने की तैयारी चल रही है। जिले के कोरोना पॉजिटिव के सही आंकड़े अभी विभाग के पास ही मौजूद नहीं हैं। वहीं लोगों का कहना है कि सरकार कोरोना से राहत देने में तो नाकाम रही है आकड़ों के साथ भी लापरवाही दिखा रही है, वैश्विक कोरोना महामारी को लेकर न सरकार गंभीरता से ले रही और ना ही स्वास्थ्य विभाग। आकड़ों की गड़बड़ी तो यही कहती है। ? व्हाट्सएप ग्रुप click now ?

एंटीजेन और ट्रूनेट मशीन में अंतर

1.कोरोना वायरस की जांच के लिए एंटीजेन टेस्टिंग मशीन से नाक का स्वाब निकाला जाता है। जबकि ट्रूनेट मशीन से गले का स्वाब निकाला जाता है।
2.एंटीजेन मशीन से पॉजिटिव रिपोर्ट आती है तो ट्रूनेट मशीन निगेटिव देती है।
3.एंटीजेन मशीन से 15 मिनट में रिपोर्ट आ जाती है तो ट्रूनेट मशीन से जांच रिपोर्ट आने में एक घंटा तक लग जाता है।

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