नदी का रौद्र रूप : सीएम साहब, धान की फसल ही नहीं, तबाह हो गये सपने

⏩ छीनी गोठ में अतिवृष्टि से भारी नुकसान चंपावत। टनकपुर से महज सात किमी की दूरी पर स्थित छीनी गोठ में अतिवृष्टि ने कहर ढा…

⏩ छीनी गोठ में अतिवृष्टि से भारी नुकसान

चंपावत। टनकपुर से महज सात किमी की दूरी पर स्थित छीनी गोठ में अतिवृष्टि ने कहर ढा दिया है। भारी बारिश के बाद ऊफान में आई हुंडी नदी ने किसानों की धान की फसल को पूरी तरह चौपट कर दिया है और कई किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। प्रभावित परिवारों ने शासन, प्रशासन व मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।

⏩ हुंडी नदी ने गांव की ओर किया रुख

उल्लेखनीय है कि छीनी गोठ तीन हजार की आबादी वाला गांव है और यहां करीब 250 परिवार नदी किनारे बसते हैं। कुल यहां 500 परिवार निवासरत हैं। इनमें से अधिकांश की आय का जारिया केवल खेती व पशुपालन है। पूर्व से ही यह क्षेत्र उपेक्षा का शिकार बना हुआ है, यहां पहुंचने के लिए कोई ढंग के रास्ते भी नहीं हैं। जन प्रतिनिधि भी यहां की सुध लेने कम ही पहुंचते हैं। विकास की बात करें तो हाईस्कूल के बाद यहां के बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए टनकपुर जाने को विवश होना पड़ता है।

छीनी गोठ का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि हर साल बरसात यहां कहर बनकर टूटती है। नदी किनारे भू-कटाव होना आम बात है। बहुत से ग्रामीणों की जमीन हर साल हुंडी नदी निगल जाती है। इसके अलावा वन्य जीवों द्वारा भी फसलों को निरंतर नुकसान पहुंचाया जाता है। इधर बीते दिनों आई बारिश के बाद नदी ने विकराल रूप धारण किया और नदी का पानी खेतों तक जा पहुंचा और किसानों की तैयार फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।

⏩ ग्रामीणों ने लगाई मदद की गुहार

यहां तक कई घरों में रखा अनाज तक नदी के पानी में बह गया, जिससे कई परिवार तो भुखमरी की कगार पर पहुंच गये हैं। फकीर राम, राज किशोर, कमल पांडे, बसंत प्रसार, कल्याण राम, राजू राम, भानदेव जोशी, ललित राम, दीवान राम, मोती देवी, दीपक जुकारिया, मोहन बवाडी़, नवीन जोशी, सुरेश बिष्ट, जगदीश पंत आदि बहुत से परिवार अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। प्रभावितों को तत्काल मदद की आवश्यकता है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन व प्रदेश के मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।

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