ब्रेकिंग न्यूज: राजस्थान में पंचायत चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने मिलाया हाथ, स्थानीय दलों को किया किनारे, अब आया बड़ा संकट

जयपुर। अगर हम आपसे कहें कि कल से सूरज दिन के बजाए शाम पांच बजे निकलेगा तो क्या आप हमसे सहमत होंगे… नहीं न। इस…

कांग्रेस-भाजपा में घमासान

जयपुर। अगर हम आपसे कहें कि कल से सूरज दिन के बजाए शाम पांच बजे निकलेगा तो क्या आप हमसे सहमत होंगे… नहीं न। इस प्रकार यदि हम आपसे कहें कि सांप और गिद्ध में मित्रता हो गई है तो क्या आप यकीन करेंगे, बिल्कुल नहीं, और यदि हम आपसे कहें कि राजस्थान के पंचायत चुनावों में डूंगरपुर में सत्ताधारी कांग्रेस और उसकी धुर विरोधी माने जाने वाली भाजपा के बीच संधि हो गई है तो आप निश्चित रूप से आप यहां भी ना ही कहंेगे लेकिन आप मानें या न मा नें यह बात सोलह आने सच है। राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के नेताओ न सिर्फ हाथ मिलायश है बल्कि एक ही प्रत्याशी को अपना समर्थन भी दे दिया है। जानते हैं ऐसा क्यों हुआ, ऐसा इसलिए कि स्थानीय राजनैतिक दल दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के सामने अपनी चुनौती पेश न कर पाएं। डूंगरपुर जिला परिषद चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के उम्मीदवार को हराने के लिए कांग्रेस ने निर्दलीय के रूप में नामांकन कराने वाले बीजेपी नेता का समर्थन कर दिया। यह वहीं बीटीपी है जो प्रदेश में राजनीतिक संकट और राज्यसभा चुनाव के दौरान गहलोत सरकार के साथ कंघे से कंधा मिलाकर खड़ी थी।
डूंगरपुर जिला परषिद की कुल 27 सीटों में से 13 पर बीटीपी का समर्थन प्राप्त उम्मीदवार जीते हैं। जबकि बीजेपी को 8 और कांग्रेस को छह सीटें मिली हैं। कांग्रेस और बीजेपी ने सूर्य अहारी का समर्थन किया और वह जिला प्रमुख चुने गए। इसी तरह नागौर जिले में खिनवसर पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने साथ आकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के उम्मीदवार को हरा दिया। आरएलपी बीजेपी की सहयोगी पार्टी है। बीजेपी और कांग्रेस ने यहां हाथ मिलाकर एक निर्दलीय उम्मीदवार को जिला परिषद का प्रमुख बना दिया। आरएलपी को यहां 31 में से 15 सीटें मिली थीं, कांग्रेस को 8, बीजेपी के पांच और 3 निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। 16 वोटों के साथ सीमा चैधरी ने यहां जीत हासिल की।
चुनाव में धोखे से आहत बीटीपी प्रमुख छोटूबाई वासवा ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी कांग्रेस से अपना समर्थन वापस लेगी। उन्होंने ट्वीट किया, श्श्बीजेपी-कांग्रेस एक ही है। बीटीपी अपना समर्थन वापस लेगी। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं को बधाई दें, उनका रिश्ता अब तक गोपनीय था जो सामने आ चुका है। आरएलपी चीफ और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि कांग्रेस और बीजेपी के अपवित्र गठबंधन को देखने के बाद उनकी पार्टी बीजेपी के साथ रिश्ते पर विचार कर रही है।

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