आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार, राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी सम्मानित

नई दिल्ली| कटी पतंग, मेरा गांव मेरा देश और लव इन टोक्यो जैसी यादगार फिल्मों में भूमिका निभाने वाली हिंदी रजतपटल की अपने समय की…

नई दिल्ली| कटी पतंग, मेरा गांव मेरा देश और लव इन टोक्यो जैसी यादगार फिल्मों में भूमिका निभाने वाली हिंदी रजतपटल की अपने समय की महान अभिनेत्री आशा पारेख को वर्ष 2020 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आशा पारेख को यह पुरस्कार नई दिल्ली में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह में 30 सितंबर को प्रदान करेंगी।

52वें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के निर्णायक मंडल के इस निर्णय की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए सम्मानित महसूस हो रहा है कि दादासाहेब फाल्के चयन जूरी ने आशा पारेख जी को भारतीय सिनेमा में उनके अनुकरणीय जीवन भर के योगदान के लिए मान्यता और पुरस्कार देने का निर्णय लिया है।”

ठाकुर ने यह भी घोषणा की कि 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 30 सितंबर को नयी दिल्ली में आयोजित किए जाएंगे और इसकी अध्यक्षता भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। आशा पारेख ने फिल्मों में अभिनय के अलावा निर्देशक और निर्माता की भूमिका में भी भारतीय सिनेमा को समृद्ध किया। उन्होंने सिनेमा और नृत्यकला प्रेमियों के मन पर एक कुशल भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना के रूप में भी अपनी अमिट डाली है।

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एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू करते हुए उन्होंने दिल देके देखो में मुख्य नायिका के रूप में अपनी शुरुआत की और 95 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने तीसरी मंजिल, आया सावन झूम के, आन मिलो सजना, मेरा गांव मेरा देश जैसी मशहूर फिल्मों में भी यादगार अभिनय किया है।

पारेख को फाल्के पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय पांच सदस्यों की जूरी द्वारा लिया गया था। इसमें आशा भोसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लो, टी. एस. नागभरण, उदित नारायण शामिल थे। आशा पारेख को 1992 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1998-2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख के रूप में भी काम किया है।

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